राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) ने जेट एयरवेज के लिए जालान-कैलरॉक कंसोर्टियम की समाधान योजना को आज मंजूरी दे दी लेकिन पूर्व में आवंटित हवाई अड्डों के स्लॉट की मांग को खारिज कर दिया। जेट एयरवेज का परिचालन ठप होने और ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने के ठीक दो साल बाद एनसीएलटी का यह आदेश आया है। हालांकि विमानन कंपनी का परिचालन कंसोर्टियम और सरकार के साथ हवाई अड्डों के स्लॉट जारी करने की बातचीत पर निर्भर करेगा।
जनाब मोहम्मद अजमल और वी नल्लासेनपति के पीठ ने शर्तों के साथ समाधान योजना को मंजूरी दी है। पीठ ने कहा कि स्लॉट के आवंटन पर उपयुक्त प्राधिकरण विचार करेगा। कंसोर्टियम के पास सभी नियामकीय मंजूरियां हासिल करने और औपचारिकताएं पूरी करने और विमानन कंपनी का परिचालन शुरू करने के लिए 90 दिन का वक्त होगा। हालांकि जरूरत पडऩे पर विमानन कंपनी पंचाट से अतिरिक्त समय मांग सकती है।
भारी कर्ज बोझ के कारण अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज का परिचालन ठप हो गया था। कंपनी को बेचने का दो बार प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं बनी। पिछले साल अक्टूबर में कैलरॉक-मुरारी लाल जालान कंसोर्टियम के प्रस्ताव को ऋणदाताओं की समिति ने 99 फीसदी मतों के साथ मंजूरी दी थी। जालान दुबई में प्रवासी भारतीय कारोबारी हैं और कैलरॉक कैपिटल वित्तीय सलाहकार और परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी है। जेट पर करीब 15,000 करोड़ रुपये का बकाया दावा स्वीकृत है जबकि कंसोर्टियम ने अगले पांच साल में ऋणदाताओं को करीब 12,000 करोड़ रुपये देने और 25 विमानों के बेड़े के साथ जेट एयरवेज को पूर्ण सेवा वाली विमानन कंपनी के रूप में फिर से चालू करने का प्रस्ताव दिया है। समाधान योजना के अनुसार बैंकों को विमानन कंपनी में 9.5 फीसदी हिस्सा मिलेगा जबकि सार्वजनिक शेयरधारिता घटकर 0.21 फीसदी रह जाएगी। कंसोर्टियम के पास 89.79 फीसदी हिस्सेदारी होगी।
कंसोर्टियम की एक अहम मांग पुराने स्लॉट और यातायात अधिकार वापस देने की थी। लेकिन नागर विमानन मंत्रालय ने इस पर आपत्ति जताई और पंचाट में कंसोर्टियम की यह मांग खारिज हो गई।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंसोर्टियम के प्रतिनिधियों को दिल्ली और मुंबई के स्लॉट आवंटन टीम से मुलाकात की है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने कहा कि उसे स्लॉट आवंटित करने में कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक कंसोर्टियम विमानन कंपनी के परिचालन की ठोस योजना प्रस्तुत नहीं करते हैं तब तक कोई भी स्लॉट की गारंटी नहीं दे सकता है।
उन्होंने कहा, ‘विमानों की संख्या आदि की जानकारी के बिना कोई हवाईअड्डा कैसे जेट एयरवेज के लिए स्लॉट तय कर सकता है? अगर स्लॉट स्थानों का इस्तेमाल नहीं हो पाया तो हवाईअड्डे को नुकसान उठाना पड़ेगा। कोविड महामारी के कारण देश के किसी भी हवाईअड्डे पर इस समय स्लॉट की कमी नहीं होगी।’