बाजार में चर्चाएं हैं कि सिप्ला के प्रवर्तक हिस्सेदारी बिक्री के जरिये व्यवसाय से निकल रहे हैं और अहमदाबाद स्थित मेहता परिवार के नेतृत्व वाली टॉरंट फार्मास्युटिकल्स इस दवा कंपनी को खरीदने की दौड़ में शामिल हो गई है। एक विश्लेषण से पता चला है कि यदि यह सौदा होता है तो दोनों कंपनियों को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के नियमों का पालन करने के प्रयास में करीब 15 ब्रांड घटाने पड़ सकते हैं।
बर्नस्टीन के ताजा विश्लेषणों से पता चला है कि सिप्ला और टॉरंट फार्मा की 332 उत्पादों (बाजार शोध फर्म आईक्यूवीआईए केआंकड़ों के आधार पर) में साझा उपस्थिति है। बर्नस्टीन में विश्लेषकों नित्या बालासुब्रमण्यन और पार्थ शाह ने कहा है कि जहां यह एक बड़ा आंकड़ा लग सकता है, लेकिन इन दवा उत्पादों में ज्यादातर उपयोगी नहीं हैं। बर्नस्टीन ने कहा है, ‘109 या इनमें से करीब एक-तिहाई के लिए, दोनों कंपनियों की 2 प्रतिशत से कम बाजार भागीदारी है। दरअसल, इनमें से सिर्फ 49 के लिए दोनों कंपनियों 2 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी है।’
बर्नस्टीन ने कहा है, ‘सीसीआई ने अधिग्रहणकर्ताओं से ऐसे ब्रांड बेच देने को कहा है जिनकी संयुक्त बाजार भागीदारी किसी खास बाजार में काफी ज्यादा हो सकती है। हालांकि ये निर्णय कई कारकों को ध्यान में रखकर लिए जाएंगे और यह जानने के लिए कोई सख्त नियम नहीं है कि कौन से ब्रांड बेचने की जरूरत होगी।’
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निजी संपत्ति प्रबंधन फर्म का मानना है कि सिर्फ चार ऐसे मिलते-जुलते ब्रांड हैं जिनमें संयुक्त बिक्री 90 प्रतिशत के पार पहुंच जाएगी और 29 में यह 50 प्रतिशत सीमा पार कर जाएगी। इसके अलावा, संयुक्त इकाई घरेलू बाजार में यदि सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी तो इन उत्पादों का राजस्व ज्यादा प्रभावित नहीं होगा।
सिप्ला और टॉरंट की घरेलू बाजार में सभी चिकित्सा क्षेत्रों में पूरक उपस्थिति है। जहां सिप्ला का रेस्पिरेटरी और एंटी-इन्फेक्टिव थेरेपीज में मजबूत दबदबा है, वहीं टॉरंट फार्मा की इसमें ज्यादा उपस्थिति नहीं है। सिप्ला की मूत्र विज्ञान, नेत्र विज्ञान और ऑटोलॉजिकल पोर्टफोलियो में मजबूत पहचान है, लेकिन टॉरंट की या तो इन क्षेत्रों में उपस्थिति नहीं है या काफी कम है।
टॉरंट फार्मा की गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, न्यूरोलॉजी, कार्डिएक सेगमेंटों में मजबूत उपस्थिति है। सूत्रों के अनुसार, टॉरंट फार्मा गैर-बाध्यकारी पेशकश के साथ अपनी प्रतिस्पर्धी सिप्ला का अधिग्रहण करने की दौड़ में सबसे आगे है। उसकी पेशकश अमेरिकी निजी इक्विटी कंपनी ब्लैकस्टोन की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है।