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Cipla की दौड़ में टॉरंट आगे, अधिग्रहण की तैयारी

Cipla के अधिग्रहण के लिए टॉरंट की पेशकश ब्लैकस्टोन के मुकाबले 30 प्रतिशत महंगी है।

Last Updated- September 04, 2023 | 10:01 PM IST
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अहमदाबाद की दवा कंपनी टॉरंट फार्मास्युटिकल अपनी प्रतिस्पर्धी सिप्ला के अधिग्रहण के लिए अग्रणी बनकर उभरी है। उसकी बोली अमेरिकी निजी इक्विटी दिग्गज ब्लैकस्टोन की पेशकश के मुकाबले 30 प्रतिशत अधिक है।

इन घटनाक्रम से अवगत एक अधिकारी के अनुसार, जहां ब्लैकस्टोन ने करीब 900 रुपये प्रति शेयर पर अपनी बोली सौंपी थी, वहीं टॉरंट की नकदी पेशकश करीब 1,200 रुपये प्रति शेयर है, जो मौजूदा बाजार भाव के आसपास है। सिप्ला का शेयर सोमवार को 1,239 रुपये पर बंद हुआ।

टॉरंट फार्मास्युटिकल और ब्लैकस्टोन के अधिकारियों ने इस संबंध में प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। सिप्ला में प्रवर्तक हमीद ने इस संबंध में भेजे गए ईमेल संदेशों का अब तक कोई जवाब नहीं दिया है। एक अधिकारी ने कहा कि हमीद परिवार टॉरंट पेशकश पर दो या तीन सप्ताह में निर्णय ले सकता है।

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अन्य अधिकारी ने कहा कि ब्लैकस्टोन ने अब तक अपनी पेशकश संशोधित नहीं की है और मौजूदा बाजार भाव को ऊपर माना जा रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘पीई के लिए, कोई सौदा सही रणनीति के साथ सही मूल्य पर कंपनी को खरीदना महत्वपूर्ण है। टॉरंट के मामले में, वे व्यवसाय तैयार करना चाहेंगे और भविष्य में उन्होंने बिक्री की कोई योजना नहीं बनाई है।’

यह अधिग्रहण ओपन ऑफर की राह आसान करने में मददगार साबित होगा, जिसका आकार 6.75-7 अरब डॉलर होगा। अधिकारी ने कहा कि यह फार्मा क्षेत्र में संभवत: अब तक का सबसे बड़ा सौदा होगा। सिप्ला का बाजार पूंजीकरण सोमवार को 1 लाख करोड़ रुपये पर था।

टॉरंट से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि समूह सिप्ला का अधिग्रहण करने के लिए कई निवेशकों से बातचीत कर रहा है, जिनमें निजी इक्विटी कंपनियां भी शामिल हैं। सिप्ला राजस्व के संदर्भ में टॉरंट से बड़ी कंपनी है। अधिकारी ने कहा, ‘प्रवर्तक एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं और सिप्ला इसे लेकर उत्साहित है कि कंपनी सक्षम नेतृत्व के अधीन आगे बढ़े।’

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टॉरंट का बाजार पूंजीकरण मौजूदा समय में करीब 62,880 करोड़ रुपये है और इस साल मार्च तक उसके बहीखाते में करीब 827 करोड़ रुपये की नकदी थी। बर्नस्टीन के विश्लेषकों ने 30 अगस्त को अपने ग्राहकों को भेजी एक रिपोर्ट में कहा, ‘हमारा मानना है कि यह सौदा टॉरंट (प्रवर्तकों की मौजूदा समय में 71 प्रतिशत हिस्सेदारी) में 20-25 प्रतिशत प्रवर्तक हिस्सेदारी बिक्री और निजी इक्विटी भागीदारी तथा विदेशी बैंकों से कोष उगाही के जरिये संभव है। सिप्ला और टॉरंट, दोनों ही नकदी संपन्न व्यवसाय हैं और बड़े कर्ज लेने से खरीदारों को समस्या नहीं हो सकती है।’

रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉरंट संपूर्ण पोर्टफोलियो से जुड़ी हुई है और उसका गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल संबंधित दवाओं की बिक्री में भी दबदबा बना हुआ है, जिसमें सिप्ला की मौजूदगी तुलनात्मक तौर पर कमजोर है। इसमें कहा गया है, ‘हमारा मानना है कि पोर्टफोलियो में समानता को दूर किया जा सकता है। अधिग्रहण के बाद संयुक्त इकाई उसे भारत में इस क्षेत्र की अग्रणी बनाएगी।’

First Published - September 4, 2023 | 10:01 PM IST

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