निजी इक्विटी दिग्गज ब्लैकस्टोन और बेरिंग फार्मा कंपनी सिप्ला में 20 फीसदी तक हिस्सेदारी खरीदने के लिए उसके प्रवर्तक हामिद परिवार से बात कर रही हैं। अगर यह सौदा पूरा होता है तो इस साल का यह सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा। सूत्रों ने कहा कि हामिद परिवार के पास अभी सिप्ला में 33.47 फीसदी हिस्सेदारी है और सौदा होने पर वह अल्पांश हिस्सेदार बन जाएगा।
हामिद परिवार ने संभावित निवेशकों से बोलियां मंगाने के लिए बैंकर नियुक्त किए हैं और ब्लैकस्टोन तथा बेरिंग पीई ने इसमें दिलचस्पी दिखाई है। एक सूत्र ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, ‘हामिद परिवार की 15 से 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना है और इस बारे में जल्द ही निर्णय होने की उम्मीद है।’
सौदे की खबर से बीएसई पर सिप्ला का शेयर 9.6 फीसदी चढ़कर 1,175 रुपये पर बंद हुआ। बंद भाव के आधार पर सिप्ला का कुल बाजार मूल्य करीब 94,572 करोड़ रुपये है और 20 फीसदी हिस्सेदारी का मूल्य करीब 18,914 करोड़ रुपये होगा।
सौदे के बारे में पूछे जाने पर ब्लैकस्टोन ने कोई टिप्पणी नहीं की। बेरिंग पीई ने भी भेजे गए ईमेल पर कोई जवाब नहीं दिया जबकि सिप्ला के अधिकारियों से संपर्क नहीं हो पाया। हालांकि कंपनी ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर वह सूचीबद्धता नियमन के मुताबिक उचित खुलासा करेगी।
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एक सूत्र ने कहा कि सिप्ला के प्रवर्तक अपनी संपत्ति को परमार्थ कार्यों में निवेश कर सकते हैं, इसलिए उन्होंने अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई है। अगर सिप्ला के प्रवर्तक अपनी हिस्सेदारी बेचने में सफल रहते हैं तो वे मौजूदा कारोबार से निकलने वाले भारतीय प्रवर्तकों की बढ़ती जमात में शुमार हो जाएंगे।
जून 2021 में ए वेलुमणि और उनके परिवार ने थायरोकेयर में अपनी 66 फीसदी हिस्सेदारी 4,546 करोड़ रुपये में बेच दी थी। जून 2008 में रैनबैक्सी के संस्थापक सिंह परिवार ने अपनी 43.8 फीसदी हिस्सेदारी करीब 3 अरब डॉलर में दाइची सैंक्यो को बेच दी थी।
हाल के समय में ब्लैकस्टोन की अगुआई में निजी इक्विटी फर्में हेल्थकेयर, कंज्यूमर रिटेल और तकनीकी कंपनियों पर निवेश बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं। सिंगापुर की टेमासेक ने इस साल अप्रैल में 2 अरब डॉलर का निवेश कर मणिपाल हॉस्पिटल्स में अपनी हिस्सेदारी 59 फीसदी तक बढ़ा ली।
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ब्लैकस्टोन ने दुनिया भर में अरबों डॉलर निवेश किया है। ब्लैकस्टोन भारत में सबसे बड़ी वैश्विक निवेशक में से एक है और इसने रियल एस्टेट समेत अन्य क्षेत्रों में 50 अरब डॉलर का निवेश किया है। इसने एमफैसिस, वीएफएस, आईबीएस सॉफ्टवेयर, एक्सप्रेसबीज, सिंपलीलर्न जैसी कंपनियों में निवेश किया है। हालांकि पिछले साल इसने आकाश एजुकेशन में अपनी हिस्सेदारी बैजूस को बेच दिया था।
सिप्ला में हिस्सेदारी बेचने की खबर ऐसे समय में आई है जब कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में अभी तक का सबसे अधिक 22,753 करोड़ रुपये की आय और 5,027 करोड़ रुपये का एबिटा कमाया है। भारत के जेनरिक दवा बाजार में उसकी हिस्सेदारी 8 से 10 फीसदी है।