मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ में 1.3 फीसदी की कमी दर्ज करने के बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के शेयर में गिरावट आई। कमजोर नतीजों को ध्यान में रखते हुए कई ब्रोकरों ने कंपनी के शेयर के लिए अपने कीमत लक्ष्य में कटौती की है।
टीसीएस का शेयर शुक्रवार को दिन के कारोबार में 1.26 फीसदी गिरकर 3,205 रुपये पर पहुंच गया था। आखिर में नुकसान की कुछ हद तक भरपाई कर यह 0.47 फीसदी गिरकर 3,232 पर बंद हुआ। निफ्टी-50 में 1.92 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। कंपनी के शेयर में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट जारी रही। इस साल शेयर में 19.8 फीसदी की गिरावट आई है जबकि निफ्टी-50 में 3.45 फीसदी की।
इस साल आईटी दिग्गज के बाजार पूंजीकरण में अब तक 3.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इसकी वजह अमेरिकी शुल्कों से पैदा हुई अनिश्चितता है जिसने आईटी क्षेत्र में घबराहट बढ़ा दी है। इस साल निफ्टी आईटी इंडेक्स में टीसीएस का शेयर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला रहा है। उसके बाद विप्रो का स्थान है। विप्रो में इस साल 20.6 फीसदी की कमजोरी आई है।
ब्लूमबर्ग के आंकड़े से पता चलता है कि कंपनी पर नजर रखने वाले 13 में से 9 ब्रोकरों ने चौथी तिमाही के नतीजों के बाद इस शेयर का कीमत लक्ष्य घटाया है जबकि दो ने लक्ष्य अपग्रेड किए हैं और अन्य दो ने पिछले कीमत लक्ष्य को बरकरार रखा है। चौथी तिमाही के नतीजों पर प्रतिक्रिया करते हुए कोटक सिक्योरिटीज ने कहा है कि कंपनी के लिए यह तिमाही सुस्त रही। उसने कमजोर आंकड़े दर्ज किए और वह मार्जिन से भी चूकी।
लगातार दूसरी तिमाही में मजबूत सौदों की संख्या (टोटल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू या टीसीवी) और विकसित बाजारों में बेहतर वृद्धि सकारात्मक बदलाव हैं। ब्रोकरेज के अनुसार कंपनी प्रबंधन को राजस्व वृद्धि सुधरने का भरोसा था, भले ही कई सेगमेंटों में मांग से संबंधित हालात अनुकूल नहीं थे।
मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि अल्पावधि में राजस्व संबंधित जोखिम ऊंचे बने हुए हैं। प्रबंधन को उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार वित्त वर्ष 2025 के मुकाबले वित्त वर्ष 2026 में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। उनका मानना है कि पहली तिमाही में तिमाही आधार पर गिरावट देखने को मिल सकती है।
सूचना प्रौद्योगिकी दिग्गज का शुद्ध लाभ तिमाही आधार पर 1.3 फीसदी घटकर 12,224 करोड़ रुपये रहा जो बाजार अनुमानों के अनुरूप नहीं है। तीसरी तिमाही में टीसीएस ने 12,380 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। विश्लेषकों ने मार्च तिमाही में कंपनी का मुनाफा 12,541.9 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया था। राजस्व के मोर्चे पर कंपनी ने 0.8 फीसदी का इजाफा दर्ज किया और यह बढ़कर 64,479 करोड़ रुपये हो गया। इससे पिछली तिमाही में यह 63,973 करोड़ रुपये था। चौथी तिमाही में मार्जिन भी 30 आधार अंक घटकर 24.2 फीसदी रह गया जो पिछली तिमाही में 24.5 फीसदी था।