भारतीय विमानन कंपनियों के बेड़े में करीब 800 विमान हैं और अगले पांच वर्षों में इस बेड़े में करीब 600 विमान जोड़े जाएंगे। गुरुवार को नागरिक विमानन सचिव वुमलुनमंग वुअल्नम ने यह जानकारी दी। ‘वुमन इन एविएशन इंडिया अवार्ड्स 2024’ कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में उन्होंने कहा, ‘देश के विमानन बुनियादी ढांचे में तेजी से विस्तार हो रहा है और पिछले दशक में हवाईअड्डों की संख्या दोगुनी से अधिक बढ़ते हुए 74 की तुलना में 157 हो गई है। यात्रियों की संख्या सालाना स्तर पर 11 करोड़ से बढ़कर 22 करोड़ हो गई है और विमान बेड़ा 400 से बढ़कर 800 हो गया है और ऐसा अनुमान है कि पांच वर्षों के भीतर यह संख्या बढ़कर 1400 हो जाएगी।’
वुअल्मन ने कहा, ‘यह वृद्धि विमानन क्षेत्र में महिलाओं के लिए करियर की अपार संभावनाओं के संकेत दे रही है।’ डीजीसीए के मुताबिक भारत के पास फिलहाल 803 वाणिज्यिक विमान हैं। इनमें से 72 फीसदी विमान, यूरोप की विमान निर्माता कंपनी एयरबस से लिए गए हैं जबकि 22 फीसदी विमान अमेरिका की विमान कंपनी बोइंग से लिए गए हैं।
देश में हवाई यात्रा बाजार में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारतीय विमान कंपनियों ने पिछले वर्ष से चार महत्वपूर्ण विमानों के ऑर्डर दिए हैं। फरवरी 2023 में टाटा द्वारा संचालित एयर इंडिया समूह ने 470 विमानों के ऑर्डर दिए जिनमें से 250 ऑर्डर एयरबस और 220 अमेरिका की विमान निर्माता कंपनी बोइंग के पास है।
जून 2023 में इंडिगो ने दुनिया का सबसे बड़ा विमान ऑर्डर दिया और इसने एयरबस से 500 ए320 नियो प्लेन के लिए करार किया। जनवरी 2024 में नई विमानन कंपनी अकासा एयर ने बोइंग को 150 बी737 मैक्स विमान के ऑर्डर दिए। इस वर्ष अक्टूबर में एयर इंडिया ने एयरबस को 85 और विमानों के ऑर्डर दिए।
एयर इंडिया समूह और इंडिगो के पास फिलहाल 90 फीसदी से अधिक घरेलू यात्रियों का बाजार है। वुअल्मन ने केंद्र सरकार की योजना के बारे में बात की जिसके तहत 15,000 महिला स्वयं-सहायता समूह को ड्रोन दिए जाने हैं। इस योजना को पिछले वर्ष नवंबर में मंजूरी मिली थी।