नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के चेन्नई पीठ ने वासन आई केयर (वासन हेल्थकेयर) के लिए एएसजी हॉस्पिटल की 526 करोड़ रुपये की समाधान योजना को मंजूरी दे दी।
यह आदेश हालांकि 3 फरवरी को पारित हुआ, लेकिन वासन आई केयर के कारोबार के अधिग्रहण के लिए एएसजी को पहले लेनदारों, कर्मचारियों और हितधारकों का बकाया चुकाना होगा।
योजना के मुताबिक, मंजूरी के 30 दिन के भीतर सभी बकाये का भुगतान करना होगा। दिवालिया संहिता के तहत चेन्नई में यह पहला मामला स्वीकार किया गया था।
वासन आई केयर के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही एनसीएलटी में तब शुरू हुआ जब वह 2,000 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुका पाई, जिसके बाद लेनदारों ने बकाया वसूलने के लिए उसे एनसीएलटी में घसीटा। दो साल तक मद्रास उच्च न्यायालय से स्थगन मिलने के बाद यह प्रक्रिया अक्टूबर 2012 में दोबारा शुरू हुई।
बोली प्रक्रिया में एमजीएम हेल्थकेयर, मैक्सी विजन आई हॉस्पिटल और डॉ. अग्रवाल हेल्थकेयर ने भी हिस्सा लिया था, लेकिन इस दौड़ में एएसजी विजयी हुई। बताया जाता है कि एएसजी के 50 से ज्यादा आई हॉस्पिटल देश के 16 राज्यों में हैं।