चालू त्योहारी सीजन में जमकर खरीदारी हो रही है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफॉर्म्स पर ग्राहकों की कोई कमी नहीं है। इसके बावजूद ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए ई कॉमर्स कंपनियां लुभावने ऑफर दे रही हैं तो कारोबारी संगठन स्थानीय दुकानों से खरीदारी करने की भावनात्मक अपील कर रहे हैं।
अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार के त्योहारी सीजन के दौरान ई-कॉमर्स रिटेलर कंपनियां 90 हजार करोड़ रुपये का कारोबार करेगी वहीं ऑफलाइन कारोबार बढ़कर 8.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है ।
ई-कॉमर्स कंपनियां और ऑफलाइन खुदरा कारोबारी दोनों की तरफ से इस बार कारोबार बढ़ने की बात कही जा रही है। अनुमान के मुताबिक चालू त्योहारी सीजन एवं आगामी शादियों एवं नए वर्ष के सीजन के दौरान आगामी 31 दिसंबर तक देश के बाजारों में कुल मिलाकर लगभग 8.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होगा जो ऑनलाइन व्यापार के संभावित 90 हजार करोड़ रुपये के आंकड़े से कहीं ज्यादा है। इसके बावजूद कारोबारी संगठन दुकानदारों से ही खरीदारी करने की अपील कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के करीब 700 कारोबारी संस्थाओं का संगठन फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र (फॉम) ने मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र के व्यापारियों और ग्राहकों से अपील की है कि वह आने वाले त्योहार दीवाली और क्रिसमस की खरीदारी अपने नजदीकी दुकानों से ही करें।
फॉम के अध्यक्ष जितेन्द्र शाह कहते हैं, ‘हमारे त्योहार हों या फिर महामारी जैसी विकट परिस्थितियां हो, इस समय हमारे अपने स्थानीय व्यापारी ही सुख दुख में लोगों के साथ खड़े होते हैं। त्योहारी सीजन में हम थोड़े से कमीशन के लिए ऑनलाइन समान खरीदेंगे तो फिर ये व्यापारी निराश होगे। त्योहारों के समय हम सबको याद रखना होगा कि हम भारतीय हैं, हमारे पर्व भारतीय है इसलिए खरीदारी भी हम भारतीयों से करें। आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए हमें अपने स्थानीय उत्पादों और दुकानोंदारों को प्रोत्साहित करने का यह बेहतरीन समय है।’
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) महाराष्ट्र प्रदेश के अध्यक्ष सचिन निवंगुने ने कहा कि 8.5 लाख करोड़ का बड़ा व्यापार ऐसे समय में हो रहा है जब देश में विदेशी ई कॉमर्स कंपनियां व्यापारियों के व्यापार को हड़पने की पुरजोर कोशिश कर रही हैं लेकिन इतना बड़ा व्यापार व्यापारियों की खुद की मेहनत और ग्राहकों का परंपरागत दुकानदारों पर विश्वास के कारण से ही संभव होगा। स्थानीय दुकानदारों से ही खरीदारी को लेकर कैट देश भर में फैले 45 हजार से ज्यादा व्यापारी संगठनों के जरिए ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ा अभियान देश के सभी राज्यों में चलाए हुए है जिसका सकारात्मक प्रभाव उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।
कैट वोकल फॉर लोकल अभियान को बढ़ावा देने के लिए कोई भी चीन के किसी भी सामान की कोई बिक्री नहीं करने का अभियान चलाए हुए हैं। कैट महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर के मुताबिक रक्षा बंधन से शुरू हुए त्योहारों के सीजन में लगभग 3 लाख करोड़ रुपये, उसके तुरंत बाद शादियों के सीजन में लगभग 4.25 लाख करोड़ रुपये एवं क्रिसमस व नए वर्ष पर लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये के देश भर में व्यापार होने का अनुमान है। जो भारत के रिटेल व्यापार को तेज गति देगा और धन की कमी से त्रस्त बाजारों के व्यापारियों के मनोबल और बाजार के सेंटिमेंट्स को मजबूत करेगा।
रेडसियर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल के त्योहारी सीजन में भारत के ई-कॉमर्स उद्योग का सकल मर्केंडाइज मूल्य (जीएमवी) करीब 90 हजार करोड़ रुपये रहेगा, जो पिछले त्योहारी सीजन के मुकाबले 18 से 20 फीसदी अधिक है। इसमें मुख्यतः 14 करोड़ उन खरीदारों की बदौलत तेजी आएगी जो इस त्योहारी सीजन के दौरान कम से कम एक बार ऑनलाइन खरीदारी जरूर करेंगे।
भारत में ऑनलाइन रिटेलर कंपनियां सबसे पहले 2014 में ऑनलाइन त्योहारी बिक्री की पेशकश की थी। पिछले दस वर्षों के दौरान भारतीय ई-कॉमर्स कारोबार में जबरदस्त बदलाव आया है और इस दौरान ई-कॉमर्स उद्योग के सालाना जीएमवी में करीब 20 गुना वृद्धि हुई है। साल 2014 में उद्योग का सालाना जीएमवी 27,000 करोड़ रुपये रहा था। इस साल यह आंकड़ा करीब 5.25 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। इस दौरान सालाना लेनदेन करने वाले उपयोगकर्ताओं की संख्या में 15 गुना वृद्धि हुई है।
भारत में उपभोक्ता मांग के रुझान का आकलन ई-रिटेलर की बिक्री से ही होता है। एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां अपने मेगा त्योहारी सेल की जोरशोर से शुरु की। इस त्योहारी सीजन में छोटे-बड़े सभी शहरों में शानदार बिक्री देखने को मिल रही है। वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट, एमेजॉन, मीशो, रिलायंस जियो मार्ट और टाटा समूह जैसी कंपनियां भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में आई तेजी को भुनाने के लिए एक-दूसरे से तगड़ी प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।