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सैट में अनिल अंबानी की याचिका मंजूर

अंबानी को 25 करोड़ रुपये के जुर्माने का 50% जमा कराने का निर्देश, सेबी को चार हफ्ते में जवाब देने का आदेश

Last Updated- October 18, 2024 | 11:31 PM IST
Anil Ambani Reliance Power QIP

प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) ने शुक्रवार को बाजार नियामक सेबी के उस आदेश के खिलाफ अनिल अंबानी की याचिका स्वीकार कर ली जिसमें सेबी ने उन पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है और बाजार में पांच साल की पाबंदी लगाई है। मामला रिलायंस होम फाइनैंस से जुड़ा है।

पंचाट ने अंबानी को जुर्माने की रकम का 50 फीसदी जमा कराने का निर्देश दिया है और सेबी को चार हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। न्यायमूर्ति पी. एस. दिनेश कुमार ने कहा कि चार हफ्ते के भीतर जुर्माने की 50 फीसदी रकम जमा कराने तक जुर्माने की कोई रिकवरी नहीं होगी।

22 अगस्त के आदेश में बाजार नियामक ने रिलायंस होम फाइनैंस से रकम की हेराफेरी का आरोप लगाया था जिसके तहत प्रमोटरों से जुड़ी इकाइयों को कर्ज दिए गए। सेबी ने 26 इकाइयों पर कुल 625 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। अंबानी का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि बाजार नियामक अपने न्यायाधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण कर रहा है।

सेबी बाजार नियामक है, न कि कंपनी मामलों का नियामक। उन्होंने कहा कि एक भी रुपया अंबानी के खाते में नहीं आया और न ही सेबी यह स्थापित कर पाया कि उन्हें फायदा हुआ है। आदेश पर स्थगन की मांग करते हुए साल्वे ने कहा कि सेबी ने 22 अगस्त को आदेश जारी किया जबकि इस मामले में दो साल पहले ही अंतरिम आदेश जारी किया जा चुका था।

सेबी के वकील ने कहा कि सूचीबद्ध कंपनी से हजारों करोड़ रुपये का कर्ज जरूरी ऋण प्रक्रिया के बगैर दिया गया जबकि शेयरधारक कंपनी की वैल्यू पर निर्भर करते हैं। उन्होंने कहा कि अंबानी ने कर्ज को मंजूरी दी और उस पर हस्ताक्षर किए जो अदालत के आदेशों का उल्लंघन है। इसके अलावा सेबी के वकील ने दावा किया कि 4,000 करोड़ रुपये से लेकर 8,000 करोड़ रुपये संबंधित पक्षकारों या जुड़ी हुई इकाइयों को गए।

यह मामला 2018 और 2019 के दौरान आरएचएफएल की तरफ से सामान्य उद्देश्य के लिए दिए गए कार्यशील पूंजी कर्ज से जुड़ा है। नियामक को आरएचएफएल की कई अनियमितताएं और उल्लंघन मिले और डिस्क्लोजर की खामियां। आरएचएफएल की तरफ से दिया गया कर्ज 2017-18 के 3,742 करोड़ रुपये से बढ़कर 2018-19 में 8,670 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सेबी के आदेश के मुताबिक, आरएचएफएल के लिए कुल बकाया रकम 6,931 करोड़ रुपये बैठती है, जो उसे प्राप्त करना है।

First Published - October 18, 2024 | 11:31 PM IST

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