मलेशिया के विमानन क्षेत्र के एयरएशिया समूह ने आज कहा कि वर्तमान में वह किसी भी भारतीय विमानन कंपनी में हिस्सेदारी हासिल करने को उत्सुक नहीं है तथा समूह का इरादा आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन) क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने का है। एयरएशिया समूह द्वारा टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया को अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचकर एयरएशिया इंडिया से बाहर निकलने के लगभग दो साल बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।
एयरएशिया के मुख्य हवाई अड्डा और ग्राहक अनुभव अधिकारी केसवन शिवानंदन ने चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में बिजनेस स्टैंडर्ड के सवाल का जवाब देते हुए कहा ‘वर्तमान में हम भारत में किसी अन्य विमानन कंपनी के साथ बातचीत नहीं कर रहे हैं। भारत में कुछ भी नहीं देख रहे हैं। भारत में विनिवेश करना एक रणनीतिक फैसला था। हम अपने मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो आसियान है। हम इस क्षेत्र में और अधिक उड़ानें शुरू करने तथा आसियान से भारत जैसे अन्य देशों से जुड़ने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं’
दुनिया की यह 13वीं सबसे बड़ी विमानन कंपनी वर्तमान में कुआलालंपुर और बैंकॉक से 14 भारतीय शहरों से जुड़ी हुई है। शिवानंदन ने कहा ‘हम अब मध्य और छोटे शहरों पर ध्यान दे रहे हैं। अब 14 शहरों से हम साल 2024 के अंत तक 20 शहरों तक विस्तार करना चाहते हैं।’
फिलहाल कंपनी के कुल राजस्व में भारतीय बाजार की हिस्सेदारी करीब 18 प्रतिशत है। इसके अलावा भारत से जाने वाली उड़ानों में एयरएशिया के मामले में 90 प्रतिशत का लोड फैक्टर रहता है।