विस्तारा को उम्मीद है कि साल 2025 के मध्य तक एयर इंडिया के साथ विलय हो जाएगा। विमानन कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी विनोद कन्नन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रस्तावित विलय के लिए सभी कानूनी मंजूरियां मौजूदा कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही तक मिल सकती हैं।
उन्होंने कहा, ‘परिचालन के लिहाज से हम अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं कि कैसे इसे (विलय) क्रियान्वित कर सकते हैं। विमानन कंपनी इस साल या अगले साल की शुरुआत में परिचालन के विलय पर विचार कर रही है या फिर इसे बढ़ाकर अगले साल मध्य तक बढ़ाया जा सकता है।’
कंपनी को नियामकीय मंजूरियां इस साल के मध्य तक मिलने की उम्मीद है। इनमें राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी), नागर विमानन मंत्रालय और उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) से मंजूरी शामिल है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सितंबर 2023 में विलय को मंजूरी दे दी थी।
कन्नन ने बताया कि विमानन कंपनी के पास पर्याप्त नकदी प्रवाह है और उसे निकट भविष्य में अपने हितधारकों से अतिरिक्त पूंजी लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा, ‘ हम विमानों की डिलिवरी और वृद्धि के लिए रकम जुटाने में खुद सक्षम हैं।’
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नवंबर 2022 में विमानन कंपनी ने अपने हितधारक टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) से अपनी कार्यशील पूंजी जुटाने के लिए 650 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसका मतलब हुआ कि 2023 ऐसा पहला साल था जब विमानन कंपनी ने अपनी मूल कंपनी से कोई रकम नहीं ली। साल 2015 में शुरू हुए टाटा समूह और एसआईए के 51:49 संयुक्त उद्यम विस्तारा में 9,900 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
कन्नन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि इस साल फरवरी और मार्च के दौरान हवाई टिकटों की कीमतों में कमी आएगी। फरवरी और मार्च महीने को हवाई टिकट की कीमतों के लिहाज से कमजोर माना जाता है। उनका तर्क है कि उद्योग में आपूर्ति श्रृंखला और क्षमता संबंधी मुद्दे इन महीनों में इसे रोक सकते हैं।
कन्नन ने कहा, ‘अगर आप टिकट कीमतों की प्रवृत्ति देखेंगे तो फरवरी-मार्च में कीमतें गिर जाती हैं। मगर इस साल आपूर्ति श्रृंखला संबंधी जटिलताएं हैं क्योंकि अन्य विमानन कंपनियों के कई विमान खड़े हैं।’ विमानन कंपनी को इस साल अप्रैल तक अपने बेड़े में तीन नए विमान जोड़ने की उम्मीद है।