सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने आज कहा कि उसने नेक्स्ट जेन डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार करने के लिए दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस के साथ करार किया है। हालांकि, एलआईसी ने सौदे की रकम का खुलासा नहीं किया गया है मगर कहा है कि इन्फोसिस उसके ग्राहकों के लिए उच्च मूल्य वाले कारोबारी अनुप्रयोगों की नींव रखेगी, जिसमें कस्टमर ऐंड सेल्स सुपर ऐप, पोर्टल और निगम की डिजिटल शाखाएं शामिल होंगी।
एलआईसी एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इन्फोसिस के साथ यह समझौता एलआईसी की दीर्घावधि रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘इन्फोसिस ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) प्रक्रिया के जरिये नेक्स्ट जेन प्लेटफॉर्म तैयार करने की बोली जीत ली है। मगर अधिकारी ने यह नहीं बताया कि आरएफपी प्रक्रिया में अन्य कौन सी कंपनियां शामिल थीं और इन्फोसिस को कितनी राशि में यह निविदा मिली है।’
यह कवायद जीवन बीमा कंपनी के डिजिटल परिवर्तन कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे डाइव यानी डिजिटल इनोवेशन ऐंड वैल्यू एन्हांसमेंट कहा जाता है। एलआईसी के मुताबिक, डाइव का मकसद कंपनी के डिजिटल प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देना है ताकि वह अपने ग्राहकों, फील्ड पर तैनात कर्मियों, पार्टनरों और कर्मचारियों को बेहतर अनुभव दे सेक।
इससे पहले टीसीएस और टेक महिंद्रा जैसी दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनियां इस दिग्गज बीमा कंपनी को आईटी सहायता प्रदान करती थी। वित्त वर्ष 2024 की सालाना रिपोर्ट सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी ने कहा कि डाइव की शुरुआत हो चुकी है और उम्मीद की जा रही है कि इससे पूरी मूल्य श्रृंखला में बदलाव आ जाएगा, जिससे सभी हितधारकों के लिए ग्राहक बनने से लेकर दावों के निपटान तक में डिजिटल अनुभव बढ़ेगा। एलआईसी ने कहा था कि डाइव का मकसद ही डिजिटल यात्राओं की कल्पना करना और बिक्री के साथ-साथ ग्राहकों को बेहतरीन अनुभव प्रदान करना है।
एलआईसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी सिद्धार्थ मोहंती के मुताबिक, निगम का नजरिया एलआईसी को जीवन बीमा समाधान प्रदान करने वाली एक प्रौद्योगिकी सक्षम संगठन में तब्दील करने की है।