महाराष्ट्र से कुछ कंपनियों के बाहर जाने के बाद सरकार राज्य में निवेश बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रही है। कोंकण इलाके के रत्नागिरी जिले में कोका-कोला कंपनी नया प्लांट खोलने जा रही है। साल 2025 तक यह परियोजना के शुरु हो सकती है। इस परियोजना के निवेश रकम को लेकर सरकार और कंपनी की तरफ से अलग-अलग आंकड़े सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार कह रही है कि इस परियोजना में कंपनी 2500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी जबकि कंपनी अपने बयान में कहा रही है कि वह 1387 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। महाराष्ट्र में निवेश में बढ़ाने के लिए राज्य सरकार उद्योगों के लिए रेड कार्पेट बिछाने के लिए तैयार है।
कोंकण के रत्नागिरी जिले में हिन्दुस्तान कोका कोला ब्रेबरीज कंपनी के नए प्लांट का भूमि पूजन के मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि कंपनी को महज एक महीने के अंदर अवश्यक मंजूरी दी गई। रत्नागिरी जिला अब औद्योगिक विकास के लिए आगे आ रहा है। महाराष्ट्र में उद्योग, व्यापार में वृद्धि बढ़ने को गति दी गयी है। केवल एक महीने में कोका-कोला को आवश्यक मंजूरी दे दी गयीं, इसे कहा जाता है गतिशील सरकार। इससे 2500 करोड़ रुपये का निवेश आएगा। यहां साठ उत्पाद बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में आगे भी उद्योग आएंगे। निवेश की पसंद के मामले में महाराष्ट्र अग्रणी राज्य है। प्रदेश में विकास, उद्योग निरंतर बढ़ रहा है। कोंकण का समुद्री तट समृद्ध है, जिससे पर्यटन और उद्योग विकास को बढ़ावा मिलेगा। मुंबई-गोवा ग्रीन फील्ड मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। कोंकण के विकास पर हमारा पूरा ध्यान है। कोंकण विकास प्राधिकरण शीघ्र ही क्रियान्वित किया जाएगा।
उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि कम समय में ही कंपनी को कोका-कोला परियोजना के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी गयीं। MIDC के माध्यम से सभी आवश्यक अनुमतियां प्रदान की गयीं। कोकाकोला कंपनी को 3 लाख 7 हजार वर्ग मीटर भूमि हस्तांतरण रसीद दी गई। यहां के भू-स्वामियों की कुछ समस्याएं थीं। परियोजना शुरू होने पर 80 प्रतिशत स्थानीय लोगों को नौकरी देने की मांग है। इस मांग को प्राथमिकता दी जाएगी।
कोका-कोला कंपनी ने अपने बयान में कहा कि महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले लोटे परशुराम औद्योगिक क्षेत्र में यह प्लांट 88 एकड़ में फैला होगा। कंपनी 1387 करोड़ रुपये का प्लांट लगाएगी।
खेड़ तालुका में यह परियोजना 2025 तक चालू होने की उम्मीद है। इससे कंपनी की विनिर्माण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। बयान में कहा गया है कि इस केन्द्र से 350 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। सामुदायिक पहल से राज्य में कुल 81,000 लोग लाभान्वित होंगे।
वर्तमान में कंपनी की देश भर में 60 उत्पाद बनाने वाले 16 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं और इसका परिचालन 22 राज्यों में फैला हुआ है।