facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

20 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदेगा उप्र

Last Updated- December 05, 2022 | 11:02 PM IST

इस साल गेहूं की अच्छी पैदावार काअनुमान है और उत्तर प्रदेश की स्थानीय एजेंसियां व भारतीय खाद्य निगम ने गेहूं की खरीद शुरू कर दी है।


गेहूं खरीद की प्रक्रिया 30 जून तक जारी रहेगी। गेहूं के उत्पादन के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और खाद्यान्न में लगभग 35 फीसदी का योगदान देता है।


राज्य एजेंसियों व भारतीय खाद्य निगम का कुल लक्ष्य 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद का है और इसमें राज्य की एजेंसियों की हिस्सेदारी 15 लाख मीट्रिक टन की रहेगी। उत्तर प्रदेश फूड एंड सिविल सप्लाई के चीफ मार्केटिंग अफसर महबूब हसन खान ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अब तक 1.73 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक इस खरीद पर किसानों को 202 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।


इस साल सरकार ने गेहूं खरीद में सोसायटी और एजेंटों को भी शामिल किया है और उन्हें 1000 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 2.5 फीसदी का कमिशन दिया जा रहा है। पंजाब व हरियाणा में गेहूं खरीद में एजेंट की भूमिका काफी सफल रही है। पिछले साल उत्तर प्रदेश में सिर्फ 5.45 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी।


दरअसल सरकार ने गेहूं खरीद का काम काफी देर से शुरू किया था और न्यूनतम समर्थन मूल्य भी 850 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर था, इसी वजह से काफी कम मात्रा में गेहूं की खरीद हुई थी। राज्य सरकार को उम्मीद है कि कमिशन एजेंट के सहयोग से वह गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा कर लेगी।


खान ने बताया कि इसके अलावा सरकार ने कमिशन एजेंट की मदद से इस साल रेकॉर्ड 16.15 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की है जबकि लक्ष्य 12 लाख मीट्रिक टन का था। ये कमिशन एजेंट मंडी परिषद में पंजीकृत हैं और इनकी संख्या लगभग 4817 है। राज्य में कुल 4843 अनाज खरीद केंद्र हैं और इनमें से राज्य की एजेंसियों के स्वामित्व में सर्वाधिक केंद्र यानी 3865 केंद्र हैं।


इन एजेंसियों में फूड मार्केटिंग डिपार्टमेंट, यूपी एग्रो, यूपी सहकारी संघ, यूपी स्टेट फूड कॉरपोरेशन, नैफेड शामिल हैं। इस बीच, कृषि विभाग के डायरेक्टर (सांख्यिकी) विनोद कुमार सिंह ने कहा है कि मार्च के आखिरी हफ्ते में हुई असमय बारिश आदि के कारण उत्तर प्रदेश इस साल 285 मीट्रिकटन अनाज खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाएगा।


लखनऊ के कुछ हिस्से, बाराबंकी, कानपुर, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, संत कबीर नगर, सिध्दार्थनगर, इटावा, हाथरस और अलीगढ़ में आंधी व बारिश के कारण गेहूं की खड़ी फसल को काफी नुकसान पहुंचा था। पिछले साल यूपी में 255 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पैदावार हुई थी जबकि 2005-06 में यह आंकड़ा 241 लाख मीट्रिक टन का था।


उन्होंने हालांकि कहा कि कई इलाकों में अभी गेहूं की कटाई बाकी है और उसके बाद ही सही आंकडा सामने आ पाएगा। वैसे उत्तर प्रदेश में गेहूं की उपज लगभग 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से होती है, लेकिन गेहूं उत्पादक राज्य पंजाब व हरियाणा के मुकाबले यह काफी कम है।


गेहूं के लिए भुगतान


पंजाब सरकार ने राज्य के किसानों को 19 अप्रैल तक की गेहूं खरीद के लिए 2,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। एक अधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने खरीद सीजन के लिए पहले ही 11,000 करोड़ रुपये अलग रख दिया है, जिससे किसानों को बाधामुक्त भुगतान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि छह सरकारी एजेंसियों और निजी मिलों ने राज्य में केंद्रीय पूल के लिए 30.60 लाख टन गेहूं की खरीद की है। उन्होंने रविवार तक 31.17 लाख टन गेहूं खरीदा है।

First Published - April 22, 2008 | 11:51 PM IST

संबंधित पोस्ट