बीते कुछ दिनों से हल्दी की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। बाजार जानकारों के मुताबिक इसके दाम घटने की वजह मुनाफावसूली है। बारिश से नुकसान की खबर के कारण हल्दी के दाम तेजी से चढ़ गए थे। इसलिए ऊंचे भाव पर बाजार में मुनाफावसूली चल रही है। छोटी अवधि में हल्दी के भाव और गिर सकते हैं। लेकिन लंबी अवधि में भाव बढ़ने की संभावना है।
कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) पर हल्दी का अक्टूबर अनुबंध सप्ताह भर पहले 14,530 रुपये के भाव पर बंद हुआ था, यह आज खबर लिखे जाने समय 13,830 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस तरह सप्ताह भर में भाव करीब 5 फीसदी घट चुके हैं। आज भी इसके भाव में करीब 1.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। अगस्त महीने में इसके भाव गिरकर 13,000 रुपये से नीचे चले गए था। लेकिन पिछले महीने बारिश से नुकसान की खबर के बाद भाव बढ़कर 15,000 रुपये करीब पहुंच गए थे।
कमोडिटी विश्लेषक और एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज लिमिटेड में सीनियर एसोसिएट्स (रिसर्च) रविशंकर पांडेय ने बताया कि बीते दिनों हल्दी के भाव चढ़ गए थे। अब इसमें मुनाफावसूली होने से दाम गिरे हैं। स्टॉकिस्ट माल निकाल रहे हैं। इस साल हल्दी का रकबा 20 फीसदी ज्यादा होने से उत्पादन बढ़ने की संभावना है। बांग्लादेश से हल्दी की निर्यात मांग भी कमजोर है। लिहाजा हल्दी के दाम में सुस्ती देखने को मिल रही है। कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल कहते हैं कि पिछले महीने बारिश के कारण हल्दी की फसल को नुकसान की आशंका में इसके भाव में तेजी आई थी। अब ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली से दाम गिरे हैं।
पॉल ने कहा कि हल्दी की कीमतों में यह गिरावट स्थाई है। लंबी अवधि में भाव चढ़ सकते हैं। पांडेय कहते हैं कि हल्दी के भाव नीचे में 13,000 रुपये क्विंटल तक जा सकते हैं। लेकिन जिस हिसाब से मराठवाड़ा और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश के कारण इसकी फसल को नुकसान हुआ है, उससे ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है। नई फसल आने से पहले एक बार हल्दी के भाव चढ़ सकते हैं।