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गेहूं की जमाखोरी पर केंद्र सरकार सख्त, सभी राज्यों में स्टॉक लिमिट लागू 

यह आदेश 27 मई 2025 से लागू हुआ है और 31 मार्च 2026 तक पूरे भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रभावी रहेगा।

Last Updated- May 29, 2025 | 5:49 PM IST
wheat
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और जमाखोरी व कालाबाज़ारी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं पर स्टॉक लिमिट लागू कर दी है। यह आदेश 27 मई 2025 से लागू हुआ है और 31 मार्च 2026 तक पूरे भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रभावी रहेगा। इसका उद्देश्य गेहूं की कृत्रिम किल्लत को रोकना और बाजार में इसकी उपलब्धता को नियंत्रित रखना है।

कितना स्टॉक रख पाएगें गेहूं कारोबारी :

सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं की अधिकतम भंडारण सीमा इस प्रकार है:

  1. व्यापारी / थोक विक्रेता (Traders/Wholesalers):
    अधिकतम 3000 मीट्रिक टन (MT)
  • खुदरा विक्रेता (Retailers):
    प्रत्येक रिटेल आउटलेट पर अधिकतम 10 MT

 

  • बड़ी चेन खुदरा विक्रेता (Big Chain Retailers):
    प्रत्येक आउटलेट के लिए 10 MT, और कुल मिलाकर उनकी सभी दुकानों व डिपो को मिलाकर अधिकतम (10 × कुल दुकानों की संख्या) MT तक ही गेहूं स्टोर किया जा सकता है।

 

  • प्रोसेसर (Processors):
    गेहूं की स्टॉक सीमा उनके मासिक इंस्टॉल्ड कैपेसिटी (MIC) का 70% × शेष महीने (31 मार्च 2026 तक) के बराबर होगी।

स्टॉक पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य:

सभी भंडारणकर्ता संस्थाओं को हर शुक्रवार को अपने स्टॉक की स्थिति को https://evegoils.nic.in/wsp/login पर अपडेट करना होगा, जिसे जल्द ही https://foodstock.dfpd.gov.in पर माइग्रेट किया जाएगा। कोई भी संस्था जो पंजीकरण नहीं कराती या तय सीमा का उल्लंघन करती पाई जाती है, उसके खिलाफ Essential Commodities Act, 1955 की धारा 6 और 7 के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

अतिरिक्त स्टॉक को कम करने के लिए 15 दिन की मोहलत:

अगर किसी भी संस्था के पास तय सीमा से अधिक स्टॉक है, तो उन्हें 15 दिनों के भीतर उसे घटाकर निर्धारित सीमा में लाना होगा। केंद्र व राज्य सरकारों के अधिकारी इस नियम के पालन पर सख्त निगरानी रखेंगे।

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Ministry of Consumer Affairs, Food & Public Distribution के प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने अभी तक 298.17 लाख मीट्रिक टन गेहूं (27 मई 2025 तक) एफसीआई और राज्य एजेंसियों के माध्यम से खरीदा है, जो कि पीडीएस (PDS), ओपन मार्केट सेल स्कीम (OWS) और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग गेहूं के भंडार की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है ताकि कीमतों को नियंत्रित किया जा सके और आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित हो।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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First Published - May 29, 2025 | 5:33 PM IST

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