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मार्च तक सामान्य हो सकता है स्टील उत्पादन

Last Updated- December 09, 2022 | 11:40 PM IST

स्टील क्षेत्र में धीरे-धीरे मांग फिर से बढ़ती हुई नजर आ रही है और उम्मीद की जा रही है कि मार्च तक इसका उत्पादन सामान्य स्तर पर आ जाएगा।


चीन में कीमतों में हुई गिरावट पर अब विराम लग रहा है और स्क्रैप जैसे कच्चे माल की कीमतें मांग बढ़ने के चलते मजबूती की ओर हैं।

इस्पात इंडस्ट्रीज के डॉयरेक्टर (मार्केटिंग) विनोद गर्ग ने कहा कि फरवरी में इस उद्योग के उत्पादन का स्तर, कुल क्षमता के 85-90 प्रतिशत तक आ जाएगा, जबकि मार्च महीने तक उत्पादन का स्तर सामान्य हो जाएगा।

बड़े घरेलू इस्पात निर्माताओं में से ज्यादातर ने नवंबर में उत्पादन स्तर में कटौती कर दी थी। जेएसडब्ल्यू स्टील ने नवंबर में अपने कुल उत्पादन में 20 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की थी, लेकिन जनवरी में उसका उत्पादन सामान्य हो गया है।

जेएसडब्ल्यू स्टील के वित्त निदेशक शेषगिरि राव ने कहा कि अक्टूबर-दिसंबर का दौर सबसे बुरा था। इस समय घरेलू मांग बहुत बेहतर है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परियोजनाएं धीरे-धीरे फिर से शुरू हो रही हैं, लेकिन ऑटो क्षेत्र में अभी भी बेहतरी का इंतजार है। चीन में भी घरेलू मांग बहुत अच्छी है, यूरोप, अमेरिका और शेष एशिया में भी कीमते तकरीबन स्थिर हैं।

इस सबके बावजूद स्टील उद्योग केवल मांग के मसले पर ही बहस कर रहा है, न कि कीमतों पर। लेकिन अगर निकट भविष्य में कीमतें साथ नहीं देती हैं, तब भी उम्मीद की जा रही है कि मुनाफा बेहतर रहेगा।

जेएसडब्ल्यू स्टील अपने वर्तमान समझौते के तीन महीने पहले ही कोकिंग कोयले की आपूर्ति करने वाली कंपनी रियो टिंटो से कीमतें कम करने के लिए बातचीत कर रही है। राव ने कहा कि चालू तीन महीने के वर्तमान सौदे में कीमतें पहले के 305 डॉलर प्रति टन से कम करके 175 डॉलर प्रति टन कर दी गई हैं।

अब कीमतें अगले सौदे पर निर्भर करेंगी, जिनमें से ज्यादातर का नवीकरण आगामी अप्रैल महीने में होना है। एस्सार स्टील के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जतिंदर मेहरा ने कहा कि स्टील की कीमतें गिरकर 1994 के स्तर पर आ गई हैं। इसलिए लौह अयस्क की कीमतें भी उसी स्तर पर लाई जानी चाहिए।

स्टील की कीमतें 2008 के उच्चतम स्तर से 50 प्रतिशत के करीब गिर चुकी हैं। वैश्विक रूप से हॉट रोल्ड क्वायल की कीमतें 500-550 डॉलर प्रति टन थीं, जबकि कच्चे माल की नई दरें अभी तय होनी हैं।

हालांकि मेहरा को मांग का स्तर पहले की तरह होने के बारे में थोड़ा संदेह है। उनका कहना है कि अगर वित्तीय बाजार सही राह पकड़ लेंगे, जभी मांग पहले के स्तर पर आएगी।

बहरहाल, वैश्विक अध्ययनों से पता चलता है कि पिछले साल की तरह से माल जमा करने का दौर शुरू हो सकता है, खासकर उस समय जब चीन में नया साल शुरू होगा।

माल जमा करने की शुरुआत होने पर कीमतों में एक बार बदलाव आएगा, लेकिन यह समय पहली तिमाही के शुरुआत तक ही आने की उम्मीद है।

First Published - February 1, 2009 | 11:22 PM IST

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