दिसंबर में स्टेनलेस स्टील का आयात 70 फीसदी गिरकर 6 हजार टन तक पहुंच गया।
इससे स्टेनलेस स्टील पर आयात शुल्क बढ़ाने की उद्योग की मांग कमजोर हुई है। गौरतलब है कि नवंबर में इसका आयात 60 फीसदी बढ़कर 20 हजार टन तक पहुंच गया था। लेकिन दिसंबर में इसके आयात में 14 हजार टन की कमी हुई।
कारोबारियों के मुताबिक, स्टेनलेस स्टील की घरेलू कीमतों में कमी होने की आस के चलते दिसंबर में इसका कम आयात हुआ। कोल्ड रॉल्ड स्टेनलेस स्टील की प्रति टन लागत फिलहाल 1.18 लाख रुपये बैठ रही है, जो नवंबर में 1.45 लाख रुपये थी।
एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, दिसंबर अंत में इसकी कीमत स्थिर होती दिख रही है। उनके मुताबिक, पिछले दो महीनों में कीमत में हुए उतार-चढ़ाव के चलते इसकी मांग पर असर पड़ा है।
जिंदल स्टील के प्रभुत्व वाले स्टेनलेस स्टील उद्योग की अरसे से मांग रही है कि उद्योग के हित की खातिर इसके आयात पर मौजूदा शुल्क को 5 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया जाए।
सरकार से उनकी यह मांग भी रही है कि चीन और उक्रेन से सस्ता आयात रोकने के लिए डंपिंगरोधी शुल्क लगाया जाए। हालांकि, अब इसका आयात गिर चुका है और सरकार के वित्तीय कदम देखते हुए लग रहा है कि मौजूदा स्थिति आगे भी जारी रहेगी।