facebookmetapixel
भारत के नए उप राष्ट्रपति होंगे सीपी राधाकृष्णन, बी. सुदर्शन रेड्डी को हरायासेबी ने IPO नियमों में ढील दी, स्टार्टअप फाउंडर्स को ESOPs रखने की मिली मंजूरीNepal GenZ protests: नेपाल में क्यों भड़का प्रोटेस्ट? जानिए पूरा मामलाPhonePe का नया धमाका! अब Mutual Funds पर मिलेगा 10 मिनट में ₹2 करोड़ तक का लोनभारतीय परिवारों का तिमाही खर्च 2025 में 33% बढ़कर 56,000 रुपये हुआNepal GenZ protests: प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी दिया इस्तीफापीएम मोदी ने हिमाचल के लिए ₹1,500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया, मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की मददCredit risk funds: क्रेडिट रिस्क फंड्स में हाई रिटर्न के पीछे की क्या है हकीकत? जानिए किसे करना चाहिए निवेशITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारीPower Stock में बन सकता है 33% तक मुनाफा, कंपनियों के ग्रोथ प्लान पर ब्रोकरेज की नजरें

महाराष्ट्र के चीनी उत्पादन में 26 फीसदी की गिरावट, रिकवरी दर में रिकॉर्ड कमी

महाराष्ट्र में अभी तक महज 79.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जबकि पिछले सीजन में इस समय तक 107.34 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।

Last Updated- March 27, 2025 | 9:48 PM IST
Sugar Production: Sugar production in Maharashtra decreased by 20%, sugarcane crushing stopped in 92 sugar mills महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 20% घटा, 92 चीनी मिलों में बंद हुई गन्ना पेराई

महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सत्र समाप्ति के करीब है। चालू चीनी सीजन 2024-25 के दौरान राज्य का चीनी उत्पादन करीब 26 फीसदी कम है। राज्य में अभी तक महज 79.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जबकि पिछले सीजन में इस समय तक 107.34 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। राज्य में चीनी का उत्पादन पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है जबकि रिकवरी दर में रिकॉर्ड गिरावट देखी जा रही है।

महाराष्ट्र में 2024-25 सीजन के लिए चीनी उत्पादन 798.08 लाख क्विंटल (करीब 79.80 लाख टन) तक पहुंच गया है, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान उत्पादित 1073.37 लाख क्विंटल  (107.34 लाख टन ) से कम है। 25 मार्च तक राज्य की मिलों ने पिछले सीजन के 1050.81 लाख टन की तुलना में 843.85 लाख टन गन्ने की पेराई की है। राज्य की कुल चीनी रिकवरी दर 9.46 फीसदी है, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 10.21 फीसदी रिकवरी दर से कम है। इस साल की चीनी रिकवरी दर अब तक की सबसे कम दर है।

महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सत्र 2023-24 में 110.50 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि 2022-23 में 105.32 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। सीजन 2021-22 में 137.36 लाख टन और 2020-21 में 106.40 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र चीनी आयुक्तालय के मुताबिक सीजन 2023-24 में कुल मिलाकर 208 चीनी मिलों ने पेराई में भाग लिया था। जिसमें 104 सहकारी एवं 104 निजी चीनी मिलें शामिल थी। चीनी सीजन 2023-24 के दौरान चीनी मिलों में 1073.08 लाख टन गन्ने की पेराई की गई थी।

अब महज 14 चीनी मिलें ही चालू

2024-25 सत्र में भाग लेने वाली 200 मिलों में से केवल 14 मिलें ही अभी चालू हैं। कोल्हापुर, सोलापुर और अमरावती क्षेत्रों की मिलें पहले ही अपना पेराई कार्य पूरा कर चुकी हैं। चीनी आयुक्तालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, 25 मार्च तक राज्य की 186 चीनी मिलों ने अपना परिचालन समाप्त कर लिया था। इसमें सोलापुर की 45 मिलें, कोल्हापुर की 40 मिलें, पुणे की 27 मिलें, नांदेड़ की 26 मिलें, छत्रपति संभाजीनगर की 21 मिलें, अहिल्यानगर की 24 मिलें और अमरावती की 3 मिलें शामिल हैं। इसकी तुलना में, पिछले सत्र में इसी समय तक 149 मिलें बंद हो चुकी थीं।

समय से पहले ही खत्म होगा सीजन

राज्य में जिन चीनी मिलों में गन्ना पेराई का काम चालू है वह भी जल्द ही अपना काम बंद कर देंगी और ये चीनी पेराई सीजन जल्दी खत्म हो जाएगा। यानी इस साल मुश्किल से 100 से 120 दिनों में पेराई सीजन खत्म हो जाएगा । महाराष्ट्र में आमतौर पर पेराई सीजन अक्टूबर के मध्य में शुरू होता है और मार्च या अप्रैल की शुरुआत यानी लगभग 140 से 150 दिनों तक चलता है। जबकि इस साल आम चुनावों और गन्ने की खेती में गिरावट के कारण सीजन नवंबर के अंत से शुरू हो पाया था। राज्य की अधिकांश चीनी मिलें नवम्बर के अंत तक ही परिचालन शुरू कर सकीं हैं ।

उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि, सीजन के पहले खत्म होने का कारण कम पैदावार और पेराई क्षमता में वृद्धि हो सकती है। इस सीजन में चीनी उत्पादन में कमी मुख्य रूप से पेराई शुरू होने में देरी, इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी का डायवर्सन और पैदावार में गिरावट के कारण है।

 

First Published - March 27, 2025 | 9:42 PM IST

संबंधित पोस्ट