इस साल आलू की बंपर पैदावार हो सकती है क्योंकि पिछले साल दाम ज्यादा मिलने के कारण किसानों ने आलू की बोआई ज्यादा की है। साथ ही अब तक मौसम इस फसल के अनुकूल है। इस बार फिलहाल आलू पर बीमारी का प्रकोप भी नहीं देखा गया है। पिछले साल बीमारी के कारण उत्पादन में गिरावट आई थी।
आलू का उत्पादन 600 लाख टन पार कर सकता है
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान के कार्यकारी निदेशक पी के गुप्ता ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि पिछले साल किसानों को आलू के दाम अच्छे मिले थे। जिससे उन्होंने आलू की बोआई 15 से 20 फीसदी ज्यादा की है। इसके साथ ही अब मौसम भी आलू की फसल के अनुकूल रहा है। लिहाजा इस साल अब तक परिस्थितियों को देखते हुए आलू का उत्पादन 15 से 20 फीसदी बढ़ने की संभावना है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021—22 में करीब 536 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ था, जो वर्ष 2020—21 के उत्पादन करीब 561 लाख टन से कम था। इस साल 600 लाख टन से ज्यादा आलू पैदा होने का अनुमान है। जो अब तक की रिकॉर्ड पैदावार है। इस समय आलू की early crop की आवक हो रही है। बीज और कोल्ड स्टोर वाले आलू की आवक 20 फरवरी के बाद शुरू होने लगेगी।
पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश बंसल कहते हैं कि इस साल राज्य में 105 से 110 लाख टन आलू का उत्पादन होने की संभावना है। पिछले साल आलू का उत्पादन 90 लाख टन से भी कम था। इस साल उत्पादन बढ़ने की वजह बोआई ज्यादा होने के बीच अब तक आलू को बीमारी से नुकसान नहीं होना है। पिछले साल बीमारी लगने से काफी नुकसान हुआ था।
उत्तर प्रदेश के आलू किसान बटुक नारायण मिश्रा कहते हैं कि पिछले साल आलू के दाम काफी अच्छे मिले। जिससे किसानों ने खेतों में खूब आलू लगाया है। जिससे इस साल पैदावार भी ज्यादा होगी।