आलू की कीमतों में तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है। कम भंडारण और ऊंचे दाम पर भंडारण की वजह से कीमतों में तेजी बनी हुई है। भंडारण कम होने से मंडियों में आलू की आवक कम हो रही है। कारोबारियों का कहना है कि लॉकडाउन पूरी तरह से खुल जाए तो आलू की मांग बढऩे पर इसके दाम और चढ़ सकते हैं।
आलू उत्पादक प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश की आगरा मंडी में आलू के दाम 1,800 से 2,300 रुपये और दिल्ली की आजादपुर मंडी में भाव 2,000 से 3,000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। आलू के दाम पिछले साल के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा हैं। महीने भर में आलू के दाम 300 से 400 रुपये क्विंटल बढ़ चुके हैं। देश भर के खुदरा बाजारों में आलू 30 से 45 रुपये किलो बिक रहा है।
फेडरेशन ऑफ कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राजेश गोयल ने बताया कि पिछले साल भंडारण क्षमता के मुकाबले 78 फीसदी आलू शीत गृहों में भरे थे। इस साल इससे 15 फीसदी कम भंडारण हुआ है। गोयल कहते हैं कि इस साल आलू का भंडारण भी उंचे दाम पर भी हुआ है। सभी खर्च मिलाकर आलू भंडारण की लागत 15 से 18 रुपये किलो है, जो पिछले साल के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा है। कम भंडारण और ऊंचे भाव पर भंडारण के कारण ही इस साल आलू में भारी तेजी देखी जा रही है। आगरा मंडी में आलू कारोबारी दीपक कुमार कहते हैं कि नोटबंदी के बाद से आलू किसान व कारोबारियों को आलू में घाटा उठाना पड़ रहा है। इस साल भंडारण कम होने से मंडियों में आवक भी कम हो रही है। हालांकि होटल, रेस्टोरेंट, रेहड़ी-पटरी वालों की ओर से खपत घटने के कारण आलू की मांग भी कमजोर है। बीते वर्षों में घाटे की मार झेल चुके भंडार गृहों में आलू रखने वाले कम कीमत पर आलू बेचने को तैयार नहीं हैं। इसलिए आलू में तेजी बनी हुई है। दिल्ली के आजादपुर मंडी में आलू-प्याज कारोबारी संघ के महासचिव राजेंद्र शर्मा कहते हैं कि आलू की अच्छी कीमत मिलती रहे, इसलिए किसान व कारोबारी मंंडी में उतना ही आलू ला रहे हैं, जितना बिक सके।
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के मुताबिक इस साल जनवरी से जुलाई के दौरान मंडियों में 1.43 करोड़ क्विंटल आलू की आवक हो चुकी है, जबकि पिछले साल समान अवधि में यह आंकडा 2.67 करोड़ क्ंिवटल था। जुलाई महीने में मंडियों में आलू की आवक 9.87 लाख क्विंटल रही, जो पिछले साल जुलाई महीने में 32.41 लाख क्विंटल की आवक से तीन गुना कम है।
आलू कारोबारियों का कहना है आलू की कीमतों में आगे भी तेजी बनी रह सकती है। दीपक कहते हैं कि अगर लॉकडाउन के कारण बंदिशें नहीं होती तो थोक में आलू के भाव 35 रुपये किलो तक पहुंच सकते थे। आगे आलू के दाम 200 से 300 रुपये क्विंटल बढ़ सकते हैं।
