भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को छोटे शहरों और गांवों में म्युचुअल फंड (एमएफ) की पहुंच बढ़ाने के लिए वितरकों के लिए फिर से प्रोत्साहन शुरू करने की घोषणा की। बोर्ड बैठक के बाद नियामक ने घोषणा की कि शीर्ष 30 शहरों (बी-30) को छोड़कर अन्य क्षेत्रों से नए निवेशक लाने पर फंड हाउस अपने वितरकों को प्रोत्साहन दे सकेंगे।
एकमुश्त निवेश के मामले में प्रोत्साहन राशि निवेशक द्वारा किए गए पहले निवेश का 1 प्रतिशत होगी। अगर निवेशक एसआईपी से शुरुआत करते हैं तो प्रोत्साहन राशि पहले वर्ष में कुल निवेश का 1 प्रतिशत होगी। प्रोत्साहन राशि की अधिकतम सीमा 2,000 रुपये है।
प्रोत्साहन ढांचे में शीर्ष शहरों से पहली बार निवेश करने वाली महिलाओं को जोड़ने वाले वितरकों को भी शामिल किया जाएगा।
सेबी ने विज्ञप्ति में कहा है, ‘फंड क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए महिला निवेशकों के बीच जागरूकता पैदा करने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए वितरकों को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया। उद्योग स्तर पर नई महिला व्यक्तिगत निवेशकों (नए पैन) से निवेश/प्रवाह के लिए वितरकों को अतिरिक्त कमीशन का भुगतान किया जाएगा। इस कमीशन की गणना और भुगतान बी-30 प्रोत्साहनों के जैसा ही होगा।’
नया ढांचा उस प्रोत्साहन ढांचे का स्थान लेगा जो मार्च 2023 तक लागू था जिसके तहत म्युचुअल फंडों को अपनी परिसंपत्तियों का एक निश्चित हिस्सा बी30 क्षेत्रों से होने पर व्यय अनुपात से 30 आधार अंक अधिक तक शुल्क लेने की अनुमति थी। पहले म्युचुअल फंड छोटे शहरों और गांवों से परिसंपत्तियां लाने वाले वितरकों को यह प्रोत्साहन देते थे।