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इन्फोसिस के बाद अब टीसीएस और विप्रो भी ला सकती हैं शेयर बायबैक ऑफर

इन्फोसिस 1,800 रुपये प्रति शेयर के औसत भाव पर 10 करोड़ शेयर खरीदेगी, जो गुरुवार के 1,509.50 रुपये के बंद भाव से 19.3% ज्यादा है। यह कंपनी की कुल इक्विटी पूंजी का 2.41% है।

Last Updated- September 13, 2025 | 9:52 AM IST
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इन्फोसिस ने 18,000 करोड़ रुपये की शेयर पुनर्खरीद की घोषणा की है। यह ऐसा निर्णय है जिसे उसकी प्रतिस्पर्धी बड़ी कंपनियां भी अपने शेयर भाव में गिरावट के बीच अपना सकती हैं और वे पुनर्खरीद की राह पर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित हो सकती हैं।

इन्फोसिस 1,800 रुपये के औसत भाव पर 10 करोड़ शेयरों की पुनर्खरीद करेगी। यह कीमत गुरुवार के उसके 1,509.50 रुपये के बंद भाव की तुलना में 19.3 फीसदी अधिक है। कंपनी ने देर गुरुवार को जारी अपनी विज्ञप्ति में कहा कि यह कंपनी की चुकता इक्विटी पूंजी में कुल इक्विटी शेयरों का 2.41 प्रतिशत है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में संस्थागत शोध विश्लेषक के उपाध्यक्ष अभिषेक पाठक ने कहा कि कंपनी के शेयर पुनर्खरीद की घोषणा करने के बाद कई दूसरी कंपनियां भी बायबैक ऑफर की राह पकड़ सकती हैं। पाठक ने कहा, ‘यह पेशकश मुख्य रूप से शेयरधारकों को नकदी लौटाने का एक तरीका है, न कि व्यापार चक्र के बारे में कोई संकेत।’

पाठक ने कहा कि बड़ी आईटी कंपनियां हर 18-24 महीने में पुनर्खरीद पेशकश लाती हैं और इसलिए यह नियमित प्रक्रिया है। उन्होंने कहा, ‘वास्तव में, इन्फोसिस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसका लक्ष्य अर्ध-वार्षिक लाभांश, बायबैक और/या विशेष लाभांश के माध्यम से पांच वर्ष की अवधि में अपने मुक्त नकदी प्रवाह का लगभग 85 प्रतिशत वापस लौटाना है।’

बेंगलूरु की इस फर्म ने वर्ष 2017 में अपने बायबैक के लिए 13,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया और 1,150 करोड़ रुपये के औसत भाव पर 11.3 करोड़ शेयर खरीदे। वर्ष 2019 में इन्फोसिस ने खुले बाजार में 747 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 11.05 करोड़ शेयर खरीदने के लिए 8,260 करोड़ रुपये खर्च किए। इसी तरह, 2021 और 2022 में उसने 9,200 करोड़ रुपये (5.58 करोड़ शेयर) और 9,300 करोड़ रुपये (6.04 करोड़ शेयर) की पुनर्खरीद की।

मुंबई के एक वरिष्ठ बाजार विश्लेषक के अनुसार इन्फोसिस का बायबैक ‘काफी सकारात्मक’ है और इससे दूसरी तिमाही के नतीजों से पहले निवेशकों का भरोसा बढ़ने की उम्मीद है। विश्लेषक ने कहा कि आईटी क्षेत्र में मौजूदा अस्थिरता और शेयर के बेहतर प्रदर्शन के लिए मजबूत ट्रिगर्स की कमी को देखते हुए इस तरह का घटनाक्रम गिरावट रोकने में मदद करता है।

उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर इन्फोसिस के लिए इस बायबैक को काफी सकारात्मक माना जा रहा है और प्रतिस्पर्धियों की ओर से भी कुछ और घोषणाएं होने की उम्मीद है। इनमें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) पर नजर रखनी होगी।’

सीएलएसए के विश्लेषकों ने हाल में एक नोट में कहा कि इन्फोसिस का शेयर बायबैक प्रस्ताव समग्र रूप से कमजोर मांग के माहौल में विश्वास बहाली के उपाय के रूप में भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टीसीएस में बायबैक प्रयासों को रफ्तार दे सकता है। सीएलएसए ने कहा कि टीसीएस के पिछले पांच शेयर बायबैक से पता चलता है कि उन्होंने शुरुआती घोषणा की तारीख से लेकर बायबैक बंद होने तक शेयर की कीमत को तकनीकी सहायता प्रदान की है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों ने पहले कहा था कि बायबैक का समय ‘दिलचस्प’ है और वे इसे ‘स्थिरता का संकेत’ मानते हैं। मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि टीसीएस और विप्रो के लिए पिछली बायबैक घोषणा और समापन को अब 12 महीने से ज्यादा हो चुके हैं, जो उन्हें शेयर बायबैक की घोषणा के लिए संभावित उम्मीदवार बनाता है।

First Published - September 13, 2025 | 9:44 AM IST

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