Onion farmers: किसानों द्वारा प्याज पर निर्यात शुल्क लगाने के फैसले के विरोध में सड़क पर उतरने के दूसरे दिन केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक के लिए 2 लाख टन प्याज खरीदने के मूल्य की घोषणा की है। यह मूल्य 2,410 रुपये क्विंटल होगा। किसानों को सरकार का यह मूल्य रास नहीं आ रहा है क्योंकि किसानों को लगता है कि अगले एक से दो महीने तक उन्हें इससे कहीं अधिक कीमत मिलने वाली थी, जिसमें सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम बाधा बनने वाले हैं।
महाराष्ट्र के नासिक जिले के प्याज किसान संतराम डोंगरे ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस साल अब तक प्याज की लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। बीते महीनों में भाव कम मिलने से और इस उम्मीद में कि बरसात के महीनों में दाम बढ़ेंगे, बहुत कम प्याज बेचा। इस समय करीब 150 टन प्याज का भंडारण बचा है।
डोंगरे कहते हैं कि जब दाम बढ़ने लगे, तब सरकार ने दाम घटाने के उपाय किए हैं। इससे किसानों को नुकसान होगा। जब दाम गिर रहे थे, तब सरकार ने कुछ नहीं किया। अगले एक से डेढ़ महीने भाव कम से कम 30 रुपये किलो मिलने पर ही किसानों को लाभ होगा।
भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्रीराम गाढ़वे ने कहा कि प्याज की उत्पादन लागत 15 रुपये किलो है। अभी तक किसानों को इतना भी भाव नहीं मिला। इस महीने भाव 18 से 20 रुपये मिल रहा है और आगे इसके 30 से 35 रुपये किलो पहुंचने की उम्मीद है। इतना भाव मिलने पर पहले कम भाव मिलने के कारण हुए नुकसान की भरपाई हो सकती है। लेकिन सरकारी उपायों ने किसानों की अच्छी कीमत मिलने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
गाढ़वे ने कहा कि सरकार 2,410 रुपये क्विंटल के भाव पर महज 2 लाख टन प्याज खरीदने जा रही है, जो अभी किसानों व कारोबारियों के पास मौजूद प्याज का बहुत कम हिस्सा है। इस समय भंडारण गृहों में 40 से 50 लाख टन प्याज होने का अनुमान है।
मध्य प्रदेश के किसान और किसान स्वराज संगठन के अध्यक्ष भगवान मीणा ने कहा कि 2,410 रुपये क्विंटल के भाव पर सरकार द्वारा प्याज खरीदने से उपभोक्ताओं के लिए उपलब्धता पर भी खास फर्क नहीं पड़ने वाला, बल्कि इससे प्याज के दाम गिरने की संभावना है। जिससे किसानों को नुकसान होगा।
डोंगरे को इस बात की आशंका है कि सरकार के उपायों से अभी प्याज के दाम गिरने पर बिचौलिये तेजी से प्याज की खरीद करेंगे और खरीफ सीजन की प्याज की नई आवक में देरी के कारण सितंबर अंत व अक्टूबर के शुरुआत में मांग व आपूर्ति में अंतर होने के दौरान दाम बढ़ाकर इसे बेचकर मुनाफा कमाएंगे।