प्याज पर चढ़ी महंगाई की परत छंटनी शुरू हो गई है। बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को काबू में करने के लिए सहकारी संस्था नेफेड ने 15,000 टन आयातित प्याज की आपूर्ति के लिए आदेश जारी किए हैं और इस संबंध में बोलीदाताओं को अंतिम रूप दे दिया गया है। सरकार के इस कदम से प्याज के दाम गिरना तय माना जा रहा है। वैसे भी सरकारी हस्तक्षेप और आवक में सुधार के कारण महज एक सप्ताह में प्याज करीब 50 फीसदी सस्ता हुआ है।
एशिया की सबसे बड़ी थोक मंडी लासलगांव में इस सप्ताह प्याज के औसत भाव में करीब 50 फीसदी गिरावट हो चुकी है। लासलगांव मंडी में प्याज की अधिकतम कीमत 3,811 रुपये और न्यूनतम कीमत 1,100 रुपये प्रति क्विंटल और औसत कीमत 3,000 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई। जबकि सप्ताह के शुरु में यहां प्याज की औसत कीमत 5,300 रुपये, अधिकतम कीमत 6,191 रुपये और न्यूनतम कीमत 1,060 रुपये थी। इसके साथ ही लासलगांव में लाल प्याज की औसत कीमत गिरकर 2,451 रुपये प्रति क्विंटल हो गई। मंड़ी में आज लाल प्याज की अधिकतम कीमत 3,640 रुपये और न्यूनतम कीमत 1,300 रुपये क्विंटल बोली गई। जबकि इस सप्ताह के शुरु में यहां इस किस्म की प्याज की अधिकतम कीमत 4,700 रुपये, न्यूनतम कीमत 1,251 रुपये और औसत कीमत 4,000 रुपये प्रति क्विंटल बोली जा रही थी।
थोक बाजार में कीमतें लुढकने का असर खुदरा बाजार में भी देखने को मिला है। मुंबई में एक सप्ताह पहले 100-140 रुपये प्रति किलोग्राम बिकने वाला प्याज गिरकर 45-70 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गया है। चालू सप्ताह में हर दिन प्याज की थोक और खुदरा कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और अन्य राज्यों से रबी के पुराने स्टॉक और खरीफ के नए स्टॉक की आवक से प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगी है। नेफेड ने उम्मीद जताई है कि सरकार के नीतिगत हस्तक्षेप और बफर, आयात तथा नई आवक से आपूर्ति में तेजी होगी और प्याज का बाजार जल्द ही सामान्य हो जाएगा। नेफेड ने 15,000 टन आयातित प्याज की आपूर्ति के आज आदेश जारी किये हैं जिसके कारण आने वाले दिनों में प्याज के दाम और गिरने की संभावना जताई जा रही है।
सहकारी संस्था नेफेड ने शुक्रवार को कहा कि उसने 15,000 टन आयातित प्याज की आपूर्ति के लिए आदेश जारी किए हैं और इस संबंध में बोलीदाताओं को अंतिम रूप दे दिया गया है। नेफेड ने कहा कि इससे घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतें काबू में रहेंगी। नेफेड ने आगे कहा कि आयातित प्याज बंदरगाह शहरों से वितरित किया जाएगा, इसलिए तेजी से आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों से पूछा गया है कि उन्हें कितनी मात्रा में प्याज चाहिए। नेफेड ने आयातित प्याज की अतिरिक्त आपूर्ति के लिए नियमित निविदा जारी करने की योजना बनाई है। नेफेड ने अपने अधिकारिक बयान में कहा गया कि कल (गुरुवार) नेफेड को तूतीकोरिन और मुंबई में आपूर्ति के लिए जारी निविदाओं के लिए अच्छी प्रतिक्रिया मिली। नेफेड ने कल शाम ही सफल बोलीदाताओं को अंतिम रूप दे दिया, ताकि बाजार में समय पर आपूर्ति हो सके।
नेफेड ने कहा कि इस बार उसने प्याज की गुणवत्ता और आकार पर खासतौर से जोर दिया है, जो भारतीय उपभोक्ताओं की पसंद से मेल खाता हो। गौरतलब है कि भारत में आमतौर पर मध्यम आकार के प्याज को पसंद किया जाता है, जबकि विदेशी प्याज आकार 80 मिमी तक बड़े होते हैं। पिछले साल एमएमटीसी ने तुर्की और मिस्र से सीधे पीले, गुलाबी और लाल प्याज का आयात किया था, जबकि इस साल कम से कम समय में अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निजी आयातकों को आपूर्ति करने की पेशकश की गई है
