कोयले के वाणिज्यिक खनन के लिए खदान की नीलामी के चौथे दिन कुछ और नई कंपनियां खदानों के लिए बड़ी बोलीकर्ता बनकर उभरी हैं। आज दो खदानों झारखंड की राजहरा नॉर्थ और सेंट्रल व मध्य प्रदेश की साहापुर ईस्ट की पेशकश की गई।
राजहरा खदान के लिए फेयरमाइन कार्बन प्राइवेट लिमिटेड ने खदान वाले राज्य के साथ राजस्व साझा के लिए सबसे ज्यादा 23 प्रतिशत की बोली लगाई। यह रांची की कंबनी है, जिसका गठन जुलाई 2020 में हुआ था। कॉर्पोरेट प्रविष्टि के मुताबिक कंपनी कोयला, रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों व नाभिकीय ईंधन के क्षेत्र में काम करती है।
साहापुर ईस्ट खदान के लिए सबसे ज्यादा क्लोजिंग बोली चौगुले ऐंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड ने लगाई है। कंपनी ने राजस्व साझा मेंं 41 प्रतिशत प्रीमियम की बोली लगाई। चौगुले गोवा की शिपिंग कंपनी है। कंपनी की वेबसाइट मेंं कहा गया है, ‘1951 की शुरुआत से बड़े रिवर फ्लीट के बिल्डर, ऑपरेटर और रिपेयरर के रूप में काम की शुरुआत करने के बाद मैरीटाइम वेसेल के गैमट बनाने में विशेषज्ञता के साथ कंपनी को हर तरह की समुद्री जहाज बनाने में विशेषज्ञता है।’
केंद्र सरकार पहली बार वाणिज्यिक खनन के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों को कोयला खदानों का आवंटन कर रही है। इसके लिए मई में कोयला खदान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 में संशोधन किया गया था, जिससे गैर खदान, एमएसएमई व विदेशी कंपनियों के लिए यह क्षेत्र खुल सके। बहरहाल इस बोली में किसी विदेशी कंपनी ने हिस्सा नहीं लिया है।
पिछले महीने कंपनियों ने इनके लिए तकनीकी बोली प्रस्तुत की थी, जिसमें पात्रता और शुरुआती मूल्य की पेशकश करनी थी। इसमें कुल 38 कोयला ब्लॉकोंं में से 19 के लिए पेशकश की गई। इस नीलामी में कई छोटी और गैर खनन कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई।
बोली हासिल करने वालों में कुछ नए नाम जैसे अरविंदो रियल्टी, यजदानी इंटरनैशनल, जेएमएस माइनिंग और बोल्डर स्टोन मार्ट शामिल हैं।
