भारत ने इस्पात और एल्युमीनियम पर अमेरिकी शुल्क को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानदंडों के तहत अमेरिका के खिलाफ जवाबी शुल्क लगाने के अपने प्रस्ताव को संशोधित किया है। अमेरिकी सरकार के शुल्क में और वृद्धि के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। अमेरिका ने पहली बार 12 मार्च को एल्युमीनियम, इस्पात और उससे तैयार वस्तुओं के आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया था। फिर, तीन जून को शुल्क को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया। विश्व व्यापार संगठन ने बुधवार को कहा, ‘वस्तु व्यापार परिषद और रक्षोपाय समिति को 12 मई को दी गई अपनी पूर्व अधिसूचना के साथ, भारत उत्पादों और शुल्क दरों को समायोजित करने का अधिकार सुरक्षित रखता है। यह अनुरोध अमेरिका के शुल्क दर को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के जवाब में किया गया है।’
यह पत्र भारत के अनुरोध पर डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों को दिया गया है। इसमें कहा गया, ‘रक्षोपाय उपायों से भारत में उत्पादित संबंधित उत्पादों का अमेरिका में 7.6 अरब डॉलर का आयात प्रभावित होगा। इस पर शुल्क संग्रह 3.82 अरब डॉलर होगा।’ इसको ध्यान में रखते हुए, भारत के प्रस्तावित रियायतों के निलंबन के परिणामस्वरूप अमेरिका में उत्पादित वस्तुओं पर भी उतनी ही राशि का शुल्क वसूला जाएगा। इससे पहले, 12 मई के पत्र में, शुल्क संग्रह का आंकड़ा 1.91 अरब डॉलर बताया गया था। डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन ने 2018 में कुछ इस्पात वस्तुओं पर 25 प्रतिशत और एल्युमीनियम उत्पादों पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाया था। जवाबी कार्रवाई में, भारत ने 28 अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाया था।