लंबे अंतराल के बाद इस बार धनतेरस पर आभूषण निर्माताओं की बिक्री बेहतर रही। अधिकांश जौहरियों का कहना है कि इस साल धनतेरस पर उनकी बिक्री पिछले साल की तुलना में खासी अच्छी रही है।
अगस्त के उच्चतम स्तर से पिछले एक हफ्ते के दौरान सोने की कीमतों में नरमी से भी ग्राहक सोने की ओर आकर्षित हुए हैं। इससे पहले लॉकडाउन के कारण अक्षय तृतीया और शादी-विवाह में सोने की मांग कम रही थी। ऐसे में धनतेरस पर ग्राहकों ने जमकर आभूषणों की खरीद की। जौहरियों को उम्मीद है कि दीवाली के बाद शादी-विवाह का मौसम शुरू होने पर भी बिक्री में तेजी बनी रह सकती है।
तनिष्क के उपाध्यक्ष रिटेल एवं मार्केटिंग अरुण नारायण ने कहा, ‘धनतेरस पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। सोने की कीमतों में हालिया गिरावट से भी बिक्री बढ़ी है। हमने दुकानों में सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा है। शादी-विवाह के मौकों के लिए और रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले आभूषणों की अच्छी मांग है।
इंडियन बुलियन ऐंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा, ‘देश के ज्यादातर हिस्सों में धनतेरस पर अच्छी बिक्री होने की खबर आ रही है। सोने कीमतों में कमी के अलावा पिछले सात से आठ महीने से रुकी खरीदारी भी धनतेरस पर आए उत्साहजनक आंकड़ों की वजह है। इस बार देश में कुछ हिस्सों में धनतेरस आज मानाया गया और कुछ हिस्सों में गुरुवार को मनाया गया था। इस वजह से दोनों ही दिन लोगों ने खरीदारी की, जिससे बिक्री के आंकड़े अधिक रहे।’
मेहता ने कहा कि पिछले वर्ष धनतेरस पर लगभग 30 टन सोने की बिक्री हुई थी। इस बार यह आंकड़ा 38-40 टन रह सकता है। बकौल मेहता, लोग सोने के सिक्के के बजाय आभूषण खरीदने को अधिक तवज्जो देते हैं।
शुक्रवार को मुंबई के जवेरी बाजार में दुकानों में ग्राहकों की आमद तुलनात्मक रूप से अधिक रही। दुकनदारों ने अपनी तरफ से लोगों के बीच पर्याप्त दूरी बनाए रखने के पुख्ता प्रबंध से किए थे।
सोने के खरीदारों को पिछले संवत में 21 फीसदी रिटर्न मिला था और कीमतों में हालिया गिरावट के बावजूद इस संवत ( 2076) में सोने पर 31 फीसदी से ज्यादा रिटर्न मिला है। करीब एक दशक बाद सोने में इतना रिटर्न मिला है। इससे पहले संवत 2067 में 36 फीसदी रिटर्न मिला था।
पिछले एक हफ्ते में सोने के दाम में करीब 4 फीसदी की गिरावट आई है, वहीं अगस्त के उच्च स्तर से भारत में इसके दाम करीब 10 फीसदी कम हुए हैं।
पिछले कई महीनों से निवेशकों को बॉन्ड के रूप में सोना खरीदना पड़ रहा था। इस वर्ष अप्रैल से अक्टूबर तक सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड के जरिये 22 टन सोने की खरीदारी हुई। अगर ऐसा नहीं होता तो लोग सोना खरीदने दुकानों पर ही आते। कारोबार गंवाने के बाद आभूषण कारोबार ग्राहकों को लुभाने के सभी उपाय कर रहे थे और उन्हें आकर्षक पेशकश भी कर रहे थे। इतना तो साफ है कि पिछले कई महीनों से रुकी खरीदारी धनतेरस पर जमकर बरसी, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह रुझान आगे भी जारी रहेगा? लंदन में सराफा शोध एवं विपणन सूचना कंपनी मेटल फोकस के प्रधान सलाहकार चिराग सेठ ने कहा, ‘अगर सोने की कीमतें मौजूदा स्तर पर या इसके इर्द-गिर्द रहीं तो मांग ऐसी ही बनी रहेगी।
