अल नीनों (El Nino) का मंडरा रहे संकट के बीच राज्य सरकार ने खरीफ सीजन की बुवाई के लिए किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारी शुरु कर दी है। किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज, खाद उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग को सतर्क रहने को कहा गया है। मानसून पर अल नीनो का असर पड़ने की भविष्यवाणी को देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों से बुवाई करने में जल्दबाजी नहीं करने की अपील की है।
राज्य स्तरीय खरीफ मौसम पूर्व समीक्षा बैठक 2023 का आयोजन किया गया। समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है। पिछले कुछ दिनों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान हुआ है। उस समय खेत में जाकर किसानों से बातचीत करना संभव हुआ। उनकी समस्याओं को समझकर समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। आगामी खरीफ सीजन के लिए अच्छी तैयारी की गई है। इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए। कृषि विभाग गुणवत्ता नियंत्रण दल, भरारी दल कार्यान्वित करे। लिकेज की शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाए। कृषि विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों के लिए बीज और उर्वरक का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध हो और वे समय पर उपलब्ध हों।
इस साल के मानसून पर अल नीनो का असर पड़ने की भविष्यवाणी की गई है। ऐसे में किसानों को बोवनी करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। किसानों को पर्याप्त बारिश और मिट्टी में नमी देखकर ही बुवाई का फैसला करना चाहिए। इसके लिए कृषि विभाग एवं कृषि विश्वविद्यालय समय-समय पर किसानों का मार्गदर्शन करें। राज्य सरकार के माध्यम से उपलब्ध कराए जाने वाले बीज अच्छी गुणवत्ता के होने चाहिए। शिंदे ने कहा कि वह फील्ड में भी जाएंगे और उसका निरीक्षण करेंगे। किसानों को फसल ऋण समय पर उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि बैंकों को किसानों को ऋण उपलब्ध कराने की पहल करनी चाहिए। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को पर्याप्त मदद दी गई है। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की तर्ज पर नमो शेतकरी सम्मान योजना शुरु की गई है। किसानों को पारंपरिक खेती के साथ आधुनिक तकनीक को भी अपनाना चाहिए। कृषि-व्यवसाय, कृषि-पर्यटन पर जोर दिया जाना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि इस साल के मानसून पर अल नीनो का असर बताया जा रहा है। हालांकि, अन्य दो कारक बारिश के पक्ष में हैं। उसके बाद भी अगर बारिश जारी रहती है तो कृषि विश्वविद्यालयों को बुआई का कार्यक्रम तय करना चाहिए। कृषि विभाग को इसके प्रति किसानों को जागरुक करना चाहिए। फर्जी बीज व खाद बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इनके लाइसेंस तुरंत रद्द किए जाएं। कृषि ऋण के लिए किसानों को रोकने वालों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की जानी चाहिए। फसल कर्ज वितरण में तेजी लाई जाए। जिला प्रशासन फसल कर्ज वितरण की नियमित समीक्षा करे। मानसून के आने से पहले तालाबों से कचरा निकालने, तटबंध बनाने और जलयुक्त शिवार के कामों में तेजी लाई जाए। मौसम स्टेशनों को कार्यरत किया जाना चाहिए। आगामी काल में फसलों का पंचनामा मानवीय हस्तक्षेप को टाल कर ई-फसल निरीक्षण के माध्यम से कराया जाए। साथ ही बिजली विभाग को कनेक्शन की संख्या बढ़ानी चाहिए।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार, जलापूर्ति और स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटिल, रोजगार गारंटी और बागवानी मंत्री संदीपन भुमरे, बंदरगाह और खनन मंत्री दादाजी भुसे, श्रम मंत्री डॉ. सुरेश खाड़े, स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, सहकारिता मंत्री अतुल सावे, विधायक प्रकाश आबिटकर, मुख्य सचिव मनोज सौनिक, सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव अनूप कुमार, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव एकनाथ डवले, कृषि आयुक्त सुनील चव्हाण आदि इस मौके पर मौजूद थे।