सोने की कीमतों में लगातार गिरावट से जितने ग्राहक खुश है उससे कहीं ज्यादा ज्वैलर्स गदगद हो रहे हैं। त्योहारी सीजन शुरु होने से पहले सोने के दाम कम होने की खबरों का ढोल पीट कर ज्वैलर्स खरीदारों को आकर्षित करने की रणनीति अपना रहे हैं।
बाजार में ग्राहकों की कमी नहीं है लेकिन पुराने सोना के बदले नए आभूषण लेने का चलन जोरों पर हैं। इसकी प्रमुख वजह लोगों के मन में पुराने गहने बेचने पर लगने वाली बंदिश और कागजी जांच पड़ताल बढ़ने की फैली आशंका है।
अगस्त महीने में सोने की कीमतों में करीब 2500 रुपये की गिरावट हो चुकी है। मुंबई में सोने के दाम 59000 रुपये प्रति 10 ग्राम के नीचे पहुंच गए। 16 अगस्त को सोने के दाम गिरकर 58843 रुपये पर पहुंच गए जोकि 31 जुलाई को 61445 रुपये थे। हाजिर बाजार की तरह वायदा बाजार में भी सोने की चमक फीकी पड़ी।
घरेलू बाजर में लगातार गिर रहे दाम
एमसीएक्स पर सोना अक्टूबर अनुबंध गिरकर 58827 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। मई महीने में सोने वायदा 61,845 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने में सुस्ती के कारण घरेलू बाजर में दाम लगातार गिर रहे हैं।
अंतराराष्ट्रीय बाजार में पिछले 30 दिनों में सोने के दाम 3.81 फीसदी टूट चुका है। हालांकि आज बुधवारको थोड़ा सुधार के साथ सोना 1906.11 डॉलर प्रति औंस पर चल रहा था।
रक्षाबंधन के साथ ही देशभर में त्योहारों की शुरुआत
सोने की कीमतें कम होने से ग्राहक खुश है लेकिन उससे ज्यादा ज्वैलर्स खुश है। त्योहारी सीजन की शुरुआत होने वाली है। इसी महीने रक्षाबंधन और अगले महीने गणपति उत्सव है। इसके साथ ही देशभर में त्योहारों की शुरुआत हो जाएगी।
ज्वैलर्स का मानना है कि कीमतें कम होने की खबरें ग्राहकों को आभूषण खरीदने के लिए प्रेरित करती हैं इसीलिए स्थानीय सोशल ग्रुपों में कीमतों में भारी गिरावट को जोरशोर से प्रचारित किया जा रहा है। जिसका असर ग्राहकों पर दिखाई भी दे रहे हैं। ज्वैलर्स का कहना है कि बाजार में ग्राहकों की कोई कमी नहीं है, कीमतें कम होने से ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है। ग्राहक नई वैरायटी चाहते हैं।
नए बनावट के गहने ग्राहकों को लुभावने लग रहे हैं, ग्राहकों की पसंद को भांपते हुए ज्वैलर्स भी हर तरह के गहनों में कई तरह के नए गहने तैयार किये हैं। हालांकि खरीदार आभूषणों में नया निवेश करने की जगह पुराने गहनों को बदलकर नए गहने खरीदना पसंद कर रहे हैं।
पुराने गहने की जगह नए गहने ले रहे लोग
मुंबई ज्वैलर्स एसोसिएशन के कुमार जैन कहते हैं कि लोग पुराने गहने की जगह नए गहने ले रहे हैं। क्योंकि नए जमाने के लोगों को नई बनावट के गहने पसंद हैं पुराने गहने उन्हे पसंद नहीं आ रहे हैं। दूसरी बात लोग पुराने गहनों को बदलना चाह रहे हैं क्योंकि उन्हे लग रहा है कि आने वाले दिनों में बिना होल मार्क वाले गहने बेचना भी मुश्किल हो जाएगा।
ज्वैलर्स की यह बात विश्व स्वर्ण परिषद द्वारा हाल ही में जारी किये गए आंकड़ों में भी दिखाई दे रही हैं। डब्ल्यूजीसी ने कहा कि सोने की आसमान छूती कीमतों और उपभोक्ताओं की कमी ने रिसाइकिल सोने की आपूर्ति में वृद्धि को बढ़ावा दिया है। पुराने सोने के आभूषणों के बदले नए आभूषणों की कम मात्रा में आभूषणों की कमजोर मांग भी परिलक्षित दिखी है।
सोने की खरीदारी करने वाले लोगों ने सोने की रिसाइकलिंग (पुराने सोने से जेवर बनवाए) को अपनाया। जून तिमाही में भारत में कुल 37.6 टन सोने की रिसाइकलिंग की गई। यह जून 2022 के 23.3 टन के मुकाबले 61 फीसदी अधिक है।
डब्ल्यूजीसी के मुताबिक कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही के लिए भारत में सोने के आभूषणों की मांग पिछले साल के मुकाबले 12 फीसदी गिरकर 207 टन हो गई। हालांकि ज्वैलर्स कहते हैं कि बाजार में आभूषणों की मांग में कोई कमी नहीं है बल्कि ट्रेंड में बदलाव की वजह से आभूषणों की बिक्री कम दिख रही है।
मालाबार समूह के चेयरमैन अहमद एमपी के मुताबिक नए जमाने के उपभोक्ताओं की बढ़ती प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए, डिजाइन में इनोवेशन खुदरा बाजार में बने रहने का मुख्य आधार बन गया है। पहनने योग्य और जीवनशैली के अनुरुप गहने पसंद किये जा रहे हैं। नए जमाने की दुल्हनें भी पारंपरिक दुल्हन आभूषण डिजाइन से हटकर ऐसे डिजाइन चुनना चाहती हैं, जो उनके व्यक्तित्व से मेल खाते हों ।
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष विपुल शाह ने बताया कि मुंबई में आठ अगस्त को समाप्त हुए छह-दिवसीय आईआईजेएस प्रीमियर 2023 के दौरान 70,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ।
संगम चेन के निदेशक रमन सोलंकी कहते हैं कि बाजार में गहनों की मांग खूब है लेकिन आपके पास उनकी पसंद के गहने होने चाहिए। ज्वैलर्स का कहना है कि कीमतों में गिरावट जारी रहती है तो इस रक्षाबंधन एवं गणपति उत्सव के दौरान आभूषणों की रिकॉर्ड बिक्री होने की उम्मीद है।