China Luxury Brands: सितंबर में दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक और LVMH कंपनी के चेयरमैन बर्नार्ड अर्नॉल्ट शंघाई आए। सबको लगा था कि वे अपनी मशहूर ब्रांड जैसे Louis Vuitton और Dior में ही जाएंगे। लेकिन उन्होंने सबको चौंका दिया। वे शंघाई के नए लग्जरी मॉल में पहुंचे और विदेशी नहीं बल्कि चाइनीज लग्जरी ब्रांड्स की खरीदारी की। उन्होंने Songmont से दो बैग खरीदे और एक अन्य मॉल में Laopu Gold की ज्वेलरी दुकान में काफी देर तक रुके। यह छोटा सा कदम बड़ा संकेत दे गया कि चीन का लग्जरी बाजार तेजी से बदल रहा है।
पिछले दो वर्षों में चीन के कई स्थानीय लग्जरी ब्रांडों ने ऑनलाइन सेल में जबरदस्त बढ़त दर्ज की है, जबकि कई विदेशी ब्रांडों की सेल लगातार गिर रही है। Laopu Gold की ई कॉमर्स सेल दो साल में कई गुना बढ़ी है और Songmont के बैग की सेल भी काफी बढ़ी है। इसके उलट Gucci और Michael Kors जैसे पॉपुलर वेस्टर्न ब्रांडों की ऑनलाइन सेल में भारी गिरावट देखी गई है। यही नहीं, Tmall जैसे बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कुछ चीनी ब्रांड अब विदेशी ब्रांडों की तुलना में ज्यादा कमाई कर रहे हैं, जिससे यह साफ दिखाई देता है कि उपभोक्ता अपनी पसंद तेजी से बदल रहे हैं।
आज के युवा चीनी ग्राहक सिर्फ बड़े पश्चिमी लोगो देखकर प्रभावित नहीं होते। वे चाहते हैं कि उत्पाद में संस्कृति, कहानी और उनकी अपनी पहचान दिखाई दे। इसी कारण Songmont, To Summer और ICICLE जैसे ब्रांड लोकप्रिय हो रहे हैं, क्योंकि वे अपनी डिजाइन में चीनी कला, परंपरा और प्रकृति को शामिल करते हैं। Songmont के स्टोर चीनी कैलीग्राफी से प्रेरित होते हैं, To Summer की खुशबुएं चाय और फूलों जैसी पारंपरिक चीजों पर आधारित होती हैं और ICICLE का डिजाइन संयम और संतुलन पर आधारित है। इन ब्रांडों की खास बात यह है कि वे आज के जमाने की लग्जरी को चीनी अंदाज में दिखाते हैं।
कम दाम होना एक वजह है, लेकिन असली कारण यह नहीं है। इन चीनी ब्रांडों की ताकत उनकी अच्छी क्वालिटी, सुंदर डिजाइन और उनकी कहानी है। ICICLE का कोट विदेशी ब्रांड Max Mara से सस्ता जरूर है, लेकिन लोग कहते हैं कि इसकी क्वालिटी भी अच्छी होती है। उसी तरह Songmont के बैग Hermes जैसे बड़े विदेशी ब्रांडों से बहुत सस्ते हैं, लेकिन लोग इन्हें इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि इनका डिजाइन अच्छा होता है और इस्तेमाल में आसान होते हैं। इसलिए अब ग्राहक सिर्फ कीमत नहीं देखते, वे यह भी देखते हैं कि चीज कितनी अच्छी है और उसके पीछे क्या सोच है।
पिछले साल चीन के लग्जरी बाजार में करीब 20 प्रतिशत की गिरावट आई। इसका असर बड़े विदेशी ब्रांडों जैसे LVMH, Kering और Burberry पर साफ देखने को मिला। उनकी कंपनी के शेयर गिर गए और उनकी बिक्री भी कम हो गई। दूसरी ओर चीनी ब्रांड अपने ग्राहकों से भावना, संस्कृति और अपनापन जैसे तरीके से जुड़ रहे हैं। यही वजह है कि लोग अब इन घरेलू ब्रांडों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यह बात विदेशी ब्रांडों के लिए चिंता की बात बन गई है, क्योंकि उनका पुराना मजबूत बाजार अब कमजोर होता जा रहा है।
कई चीनी लग्जरी ब्रांड अब दुनिया के बाजार में जाने की सोच रहे हैं। हालांकि उनकी विदेशी सेल अभी कम है लेकिन उनका आत्मविश्वास और आगे बढ़ने का इरादा काफी बढ़ गया है।To Summer के संस्थापक कहते हैं कि अगर चीनी ब्रांड सिर्फ चीन के अंदर ही रहे, तो वे दुनिया की बड़ी कंपनियों से मुकाबला नहीं कर पाएंगे। वे मानते हैं कि मजबूत बनने के लिए उन्हें दुनिया के बाजारों में उतरना ही होगा।
विशेषज्ञ कहते हैं कि चीन के अपने लग्जरी ब्रांड तेजी से मशहूर तो हुए हैं, लेकिन वे अभी भी उन बड़े विदेशी ब्रांडों के स्तर तक नहीं पहुंचे हैं। अभी तक कोई भी चीनी लग्जरी ब्रांड इतना बड़ा नहीं बना है कि वह 10 अरब युआन से ज्यादा की सालाना बिक्री कर सके। इसके साथ ही चीन की धीमी अर्थव्यवस्था और लोगों की कम होती खर्च करने की क्षमता भी इनके लिए परेशानी पैदा कर सकती है। अगर लोगों की कमाई और भरोसा नहीं बढ़ा तो मुश्किलें सिर्फ विदेशी ब्रांडों के लिए नहीं, बल्कि चीनी लग्जरी ब्रांडों के लिए भी बढ़ सकती हैं।
पहले मेड इन चाइना को सिर्फ सस्ते सामान के लिए जाना जाता था, लेकिन अब चीन ऐसे बढ़िया और महंगे ब्रांड बना रहा है जिनकी डिजाइन, क्वालिटी और कहानी पूरी दुनिया का ध्यान खींच रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब चीनी ब्रांड पश्चिमी देशों की नकल नहीं कर रहे, बल्कि खुद उसी स्तर पर पहुंच रहे हैं जहां कभी पश्चिमी ब्रांड थे। यह बदलाव दिखाता है कि लग्जरी की दुनिया में चीन अब सिर्फ बड़ा ग्राहक नहीं, बल्कि एक नई और मजबूत ताकत बनकर सामने आ रहा है। (ब्लूमबर्ग के इनपुट के साथ)