भारत में सोने की कीमत मंगलवार (9 सितंबर) को ₹1,10,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। ग्लोबल मार्केट में तेजी का ट्रेंड घरेलू बाजार पर भी दिख रहा है। Axis Mutual Fund की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में कीमती धातुओं में तेजी का बनी हुई है। ग्लोबल मार्केट में भाव सोना 3,475 डॉलर प्रति औंस और चांदी 40 डॉलर प्रति औंस पर है। चांदी के भाव 13 साल के हाई पर हैं। सोने-चांदी साल-दर-साल 35–45% की बढ़ोतरी हुई है, जो ज्यादातर एसेट क्लास से सबसे ज्यादा है। सोने-चांदी में तेजी की अहम वजह ग्लोबल निवेशकों में आर्थिक अनिश्चितता, डॉलर में कमजोरी और ब्याज दरों में संभावित कटौती के बीच सुरक्षित निवेश की डिमांड बढ़ना है।
सोने की कीमत में तेजी की वजहें
1. कमजोर अमेरिकी डॉलर
- डॉलर इंडेक्स फरवरी 2025 में 110 से गिरकर 97.7 पर आ गया है।
- जुलाई में अमेरिकी नॉन-फार्म पे रोल 73,000 नौकरियों के साथ उम्मीद से कम रहा (125,000), जिससे डॉलर कमजोर हुआ।
- कमजोर डॉलर अन्य मुद्राओं वाले निवेशकों के लिए सोना सस्ता बनाता है।
2. ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
- जुलाई में अमेरिकी महंगाई दर 2.7% YoY रही, जो अनुमान के अनुरूप है।
- नरम इकॉनमिक डेटा के चलते मार्केट में फेड की ओर से साल के अंत तक 60 bps की दर कटौती की संभावना बढ़ गई है, और सितंबर में 80 फीसदी कटौती की संभावना है।
3. सेफ इन्वेस्टमेंट की मांग
- जियो-पॉलिटिकल टेंशन, ट्रेड वार और अमेरिकी राजनीतिक दबाव से निवेशक सुरक्षित डेस्टिनेशन के रूप में सोने की ओर बढ़ रहे हैं।
- ग्लोबल सोने की मांग की ट्रेंड्स
- Q2 2025 में मांग 3% बढ़कर 1,249 टन हुई।
- ETF में H1 2025 में 400 टन का निवेश, वॉलेटिलिटी का दिखा असर।
- केंद्रीय बैंक: 166 टन अतिरिक्त खरीदारी, अमेरिकी डॉलर से डायवर्सिफिकेशन।
- ज्वैलरी: 14% साल-दर-साल गिरावट, 357 टन, भारत और चीन में खरीदारी में देरी।
भारत में डिमांड
- घरेलू सोना ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम पार कर गया।
- उपभोक्ता लाभ लेने के लिए पुराने ज्वैलरी बेच रहे हैं और कीमत में सुधार होने पर फिर खरीदने का इंतजार कर रहे हैं।
- 9-कैरेट (37% शुद्धता) सोने की ज्वैलरी शामिल करने के लिए हॉलमार्किंग स्टैंडर्ड बढ़ाए गए, जिससे अफोर्डेबिलिटी बढ़ी है।
(Sources: RBI, World Gold Council, Indian Bullion & Jewellers Association)
चांदी में भी तेजी
- चांदी $40/oz पर पहुंची, साल-दर-साल 40–45% की बढ़ोतरी।
- ETF में H1 2025 में रिकॉर्ड 95 मिलियन औंस का निवेश, कुल होल्डिंग 1.13 बिलियन औंस (~$40 बिलियन) तक।
इंडस्ट्रियल डिमांड
- 2024 में 680 मिलियन औंस, 2025 में भी मजबूत।
- सौर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहनों और सेमीकंडक्टर में बढ़ती मांग।
- फ्यूचर्स पोजिशनिंग: दिसंबर 2024 से नेट लॉन्ग सिल्वर फ्यूचर्स 163% बढ़ा। इससे इंस्टीट्यूशनल तेजी के संकेत हैं।
(Sources: Silver Institute, Bloomberg, FactSet)
सप्लाई सीमित बनी हुई है- 30 फीसदी से भी कम चांदी समर्पित खानों से आती है। बाकी सोना और बेस मेटल्स के बाय-प्रोडक्ट के रूप में।
आउटलुक
सोना: 2025 में $3,400–$3,600/औंस के दायरे में रहने की संभावना। अगर अमेरिकी नीतिगत अनिश्चितता समाप्त होती है या ग्लोबल ट्रेड टेंशन कम होता है, तो तेज गिरावट की संभावना कम।
चांदी: $40–$42/ औंस के दायरे में बनी रहने की संभावना, औद्योगिक विकास और इन्वेस्टमेंट इनफ्लो का सपोर्ट।
सोना-चांदी रेश्यो: 88 पर है, पोस्ट-कोविड औसत (90) के करीब, ऐतिहासिक नॉर्म्स (65–70) से ऊपर, चांदी में अभी और उछाल उछाल की संभावना है।
भारत में क्या हो रहा है?
- रिटेल निवेशक लाभ लेने के लिए पुरानी ज्वैलरी बेच रहे हैं और कीमत घटने पर फिर खरीदने की योजना बना रहे हैं।
- त्योहारों के मौसम के नजदीक आने पर वास्तविक मांग स्पष्ट होगी।
- डॉलर-रुपये में अस्थिरता से सोने की कीमतों को सहारा मिल रहा है।
- 10 ग्राम पर ₹1 लाख पार होने के चलते हॉलमार्किंग मानक 9-कैरेट सोने तक विस्तारित किए गए।
Axis Mutual Fund का नजरिया
- सोने-चांदी का अनुपात अभी 88 है, जो कोविड के बाद के औसत लगभग 90 के करीब है; ऐतिहासिक सीमा (कोविड-पूर्व) 65-70 रही है।
- इस वर्ष सोने की कीमतें 3400 से 3600 डॉलर प्रति औंस के बीच रहने की उम्मीद है। सोने की कीमतों में भारी गिरावट की संभावना नहीं है जब तक कि अमेरिकी सरकार फेडरल रिजर्व या उसके सदस्यों की आलोचना करना बंद न कर दे।
- साथ ही वैश्विक व्यापार और टैरिफ समस्याओं के समाधान में एक बड़ी सफलता मिली है। अब तक, सरकार व्यापक समाधान खोजने के बजाय, एक समय में एक देश के व्यापार मुद्दों से निपट रही है। यह आउटलुक बहुत सफल नहीं रहा है।
- एक्सिस म्यूचुअल फंड को उम्मीद है कि इस वर्ष चांदी 40-42 डॉलर प्रति औंस के दायरे में रहेगी।
मौजूदा हालातों में सोने-चांदी की निवेश प्रासंगिकता
- दोनों धातुओं ने 2025 में मजबूत प्रदर्शन दिखाया है, जिसे व्यापक आर्थिक और भू-राजनीतिक कारकों का समर्थन हासिल है।
- पोर्टफोलियो स्ट्रैटेजी में दोनों धातुओं की निरंतर प्रासंगिकता, विशेष रूप से वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच।
- केंद्रीय बैंक की खरीदारी और ईटीएफ इनफ्लो द्वारा समर्थित, सोना एक पसंदीदा सेफ एसेट बना हुआ है।
- चांदी दोहरा निवेश प्रदान करती है: सेफ हैवेन और इंडस्ट्रियल ग्रोथ (सोलर, इलेक्ट्रॉनिक्स)
First Published - September 9, 2025 | 2:59 PM IST
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