facebookmetapixel
क्विक कॉमर्स में मुनाफे की नई दौड़ शुरू! मोतीलाल ओसवाल ने Swiggy और Eternal पर जारी किए नए टारगेट्सIRDAI की नजर स्वास्थ्य बीमा के दावों पर, निपटान राशि में अंतर पर चिंताPNB, केनरा और इंडियन बैंक भी करेंगे बॉन्ड मार्केट में प्रवेश, धन जुटाने की तैयारीजीएसटी सुधार से FY26 में भारत की GDP ग्रोथ 7.4% तक पहुंचेगी: NIPFPबैंकिंग घोटाले के बाद IndusInd Bank का सख्त फैसला, वेतन व बोनस रिकवर की प्रक्रिया शुरूStocks To Watch Today: Tata Motors, JSW Energy से लेकर Tata Power तक, आज किस कंपनी के स्टॉक्स में दिखेगा एक्शन; चेक करें लिस्टसरकार की कर वसूली में तेजी, लेकिन रिफंड जारी करने में सुस्तीदूसरे चरण के लोन पर कम प्रावधान चाहें बैंक, RBI ने न्यूनतम सीमा 5 फीसदी निर्धारित कीभारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर जल्द सहमति की उम्मीद, ट्रंप बोले—‘हम बहुत करीब हैं’बीईई के कदम पर असहमति जताने वालों की आलोचना, मारुति सुजूकी चेयरमैन का SIAM के अधिकांश सदस्यों पर निशाना

कच्चा तेल 130 डॉलर के पार

Last Updated- December 07, 2022 | 1:01 AM IST

कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें बुधवार को 130 डॉलर प्रति बैरल के रेकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई।


विश्लेषकों का कहना है कि ऊर्जा की भारी मांग के बीच आपूर्ति सीमित रहने तथा डॉलर के कमजोर होने का असर बाजार पर दिखा। न्यू यॉर्क के मुख्य वायदा सौदे, लाइट स्वीट कच्चे तेल की जुलाई आपूर्ति सौदे के भाव 130.47 डॉलर हो गए।

बाद में यह 130.38 डॉलर प्रति बैरल दर्ज किया गया जो मंगलवार की तुलना में 1.40 डॉलर की तेजी दिखाता है। लंदन में बे्रंट नार्थ सी कच्चे तेल के जुलाई सौदे के भाव 129.92 डॉलर प्रति बैरल हो गए।

उधर, बुधवार को एशियाई कारोबार में तेल की कीमत प्रति बैरल 129 डॉलर से अधिक रही। डीलरों का कहना है कि भारी मांग और वैश्विक आपूर्ति में कमी की वजह से तेल की कीमतो में बढ़ोतरी हुई है। कमजोर अमेरिकी डॉलर और ईरान एवं अमेरिका के बीच बढ़ते तनावों से तेल के बाजार में और भी तेजी आई। उल्लेखनीय है कि सटोरिया फंडों की शुरुआत से बाजार पहले से ही गरम है।

न्यूयॉर्क में तेल का प्रमुख वायदा करार, जुलाई डिलिवरी के लिए लाइट स्वीट क्रूड, छह सेंट ऊपर 129.04 डॉलर प्रति बैरल था। मंगलवार को न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज पर कच्चा तेल 129.07 डॉलर प्रति बैरल पर समाप्त होने से पहले जून के लिए यह करार अब तक की सबसे अधिक कीमत 129.60 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। जुलाई के लिए लंदन का ब्रेंट क्रूड करार 127.96 डॉलर प्रति बैरल पर किया गया, जो 12 सेंट ऊपर था। यह 128.07 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को छू चुका है।

मित्सुबिशी कॉर्पोरेशन के तोक्यो में अंतरराष्ट्रीय पेट्रोलियम कारोबार के टोनी नूनन ने कहा कि मांग के अनुसार आपूर्ति न हो पाने के कारण तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने निवेशकों द्वारा तेल में उम्दा प्रतिफल की आशा से किए जाने वाले निवेश के संदर्भ में कहा, ‘फिलहाल बाजार तकनीकों और फंडों से प्रभावित हो रहा है।’

कॉमनवेल्थ बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया के कमोडिटी के विशेषज्ञ डेविड मूर ने कहा कि कमजोर अमेरिकी डॉलर और ‘विश्लेषकों द्वारा तेल की अच्छी कीमतों की भविष्यवाणी’ से मूल्य-वृध्दि को मदद मिल रही है। तेल जैसी कमोडिटी वैसे निवेशकों के लिए सस्ती है, जिनकी मुद्रा अमेरिकी करेंसी के मुकाबले मजबूत है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के अधिकारी इस बात से सहमत हैं कि तेल की कीमतें निवेशकों से ज्यादा सट्टेबाजों के कारण रिकॉर्ड स्तर पर जा रही हैं, वे वास्तविक आपूर्ति और मांग के संतुलन पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।

वर्ष 2008 की शुरुआत से तेल की कीमतों में एक चौथाई से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, उस समय तेल की कीमत प्रति बैरल पहली बार 100 डॉलर के स्तर पर पहुंची थी। अरबपति टी बून ने कहा था कि इस वर्ष तेल की कीमत प्रति बैरल 150 डॉलर तक पहुंच जाएगी जबकि इसी महीने गोल्डमैन सैक्स ने कहा था कि वर्ष 2010 तक क्रूड तेल कीमत 200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है।

First Published - May 22, 2008 | 1:05 AM IST

संबंधित पोस्ट