त्योहारी सीजन में नारियल की कीमतों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। पिछले एक महीने में नारियल के दाम दोगुने से अधिक बढ़ चुके हैं। नारियल के दाम लगातार बढ़ने की वजह इस साल कम उत्पादन और त्योहारी मांग तेज होने को माना जा रहा है। अगले महीने से शुरु होने वाली ठंड और शादियों के सीजन में मांग बढ़ने से नारियल के दाम कम होने की संभावना नहीं है।
इस समय नारियल खुदरा बाजार में 30 रुपए से लेकर 50 रुपए प्रति नारियल तक है। पिछले महीने तक यह 15 रुपये से लेकर 35 रुपये तक बिक रहे थे। कीमतों में यह बढ़ोत्तरी महज एक महीने में देखा गया है। नारियल के दामों में में अप्रत्याशित उछाल से ब्रांडेड कोकोनट ऑयल प्रोड्यूसर्स इसे ग्राहकों पर डाल रहे हैं।
अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया भारत सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने से पहले ही सभी तेलों के दामों में आग लग चुकी थी अब नारियल तेल ने भी इसका साथ देना शुरू कर दिया है।
गणपति के बाद नवरात्रि जो कि हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार में से एक है के वक्त पर ही नारियल जो की आस्था का प्रतीक है और देवी मां के भोग में लगाया जाता है की कीमतें बढ़ने से भक्तों में नाराजगी का माहौल है।
खाद्य तेल कारोबारियों का कहना है कि नारियल के प्रमुख उत्पादक राज्यों केरल और तमिलनाडु से आपूर्ति कमजोर पड़ने की वजह से विक्रेता लगातार दाम बढ़ा रहे हैं। इससे नारियल का दाम तेजी से बढ़ रहा है। नारियल तेल के दाम बढ़ने की वजह उत्पादन में कमी बताया जा रहा है। इसलिए अब उपभोक्ताओं को एन त्योहारों के मौके पर ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। देश के पूर्वोत्तर राज्यों में अधिकांश नारियल तेल दक्षिणी राज्यों से मंगाया जाता है। जहां पर पिछले 45 दिनों में दाम 15-20 फीसदी तक बढ़ा दिया है।
ऐसा कहा जा रहा है कि इस साल कोयंबटूर सहित प्रमुख उत्पादक इलाकों में सूखा पड़ने से कोकोनट का उत्पादन प्रभावित हुआ है। बताया जा रहा है कि पानी के अभाव में करीब 25 फीसदी पेड़ सूख गए। इंडस्ट्री के एक बड़े उत्पादक ने कहा इस साल अच्छी बारिश हुई है, लेकिन प्रोडक्शन पर इसका असर अगले साल देखने को मिलेगा। केरल के उत्तरी भाग में भी इस साल कम प्रोडक्शन हुआ है।
शंकर ठक्कर ने कहा कि कोकोनट की कीमतों में आगे भी तेजी रह सकती है। इस वर्ष शादियों का सीजन सर पर है और दक्षिणी राज्यों में खाना पकाने में नारियल तेल का इस्तेमाल किया जाता है जिससे खपत बढ़ेगी। दूसरा उत्तरी भारत में जाड़े की वजह से डिमांड बढ़ जाती है। यह मौसम लगभग आने ही वाला है। दूसरा, केरल में सबरीमाला धार्मिक यात्रा का सीजन शुरू होने वाला है। इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और यहां पर पूजा में नारियल की भेंट चढ़ाई जाती है। इसलिए सरकार को निर्यात पर पुनर्विचार कर लगाम लगानी चाहिए।