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दलहन की बोआई का रकबा कम, देर से बोए गए गेहूं के अंकुरण को लेकर चिंता नहीं

रबी की मुख्य तिलहन फसल सरसों का रकबा 98.8 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल की तुलना में 2.17 प्रतिशत ज्यादा है।

Last Updated- January 05, 2024 | 10:50 PM IST
Import of pulses is increasing, import of pigeon pea has increased more than double

भारत के ज्यादातर इलाकों में रबी फसलों की बोआई करीब पूरी हो चुकी है। गेहूं का रकबा करीब 331.7 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम है, लेकिन यह गेहूं के सामान्य रकबे के औसत से ज्यादा है। सामान्य रकबा पिछले 5 साल के औसत रकबे को कहा जाता है।

पिछले कुछ दिन से मौसम अनुकूल है और अगले सप्ताह से लेकर 10 दिन में उत्तर भारत के कुछ इलाकों में बारिश का अनुमान है। ऐसे में देर से बोए गए गेहूं के अंकुरण को लेकर चिंता नहीं होनी चाहिए।

गेहूं को लेकर सरकार ने कहा है कि गेहूं की देर से बोआई वाली किस्मों की बोआई जनवरी के पहले सप्ताह तक चलती है, और कुछ कुछ इलाकों में जनवरी के अंत तक बोआई होती है।

देश में सबसे ज्यादा उगाए जाने वाली दलहन चने को लेकर चिंता बनी हुई है क्योंकि 5 जनवरी 2024 तक इसका रकबा 100.1 लाख हेक्टेयर था, जो पिछले साल से करीब 7 प्रतिशत कम है।

कुछ राज्यों में खरीफ की फसल की देर से कटाई हुई और अन्य फसलें बोए जाने व मिट्टी में नमी न होने के कारण रकबा घटा है। सरकार ने कहा कि चने की बोआई आंध्र प्रदेश व छत्तीसगढ़ को छोड़कर करीब हर जगह पूरी हो चुकी है।

रबी की मुख्य तिलहन फसल सरसों का रकबा 98.8 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल की तुलना में 2.17 प्रतिशत ज्यादा है।

सरकार के बयान में कहा गया है, ‘तिलहन की बोआई का लक्ष्य पहले ही सामान्य से अधिक हो चुका है, खासकर सरसों का। अभी बोआई जारी है।’

First Published - January 5, 2024 | 10:50 PM IST

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