पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने ओपन एकरेज लाइसेंसिंग कार्यक्रम (ओएएलपी) के तहत छठे दौर की बोली पेश की है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि निवेशकों को 21 ब्लॉकों की पेशकश की जाएगी, जिनका क्षेत्रफल करीब 35,346 वर्ग किलोमीटर है।
बयान में कहा गया है, ‘बोलीकर्ता 6 अगस्त, 2021 से ऑनलाइन ई-बिडिंग पोर्टल पर अपनी बोली दाखिल कर सकेंगे और बोली पेश करने की अंतिम तिथि 6 अक्टूबर है। नवंबर, 2021 के अंत तक विजेताओं को ब्लॉकों का आवंटन होने की संभावना है।’
इसके पहले के विभिन्न दौर में तेल मंत्रालय ने 105 ब्लॉकों का आवंटन किया था, जिनका क्षेत्रफल 1,56,580 वर्ग किलोमीटर है। इसमें करीब 2.4 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता आई है।
बयान में कहा गया है, ‘उम्मीद है कि बोली के छठे दौर में 30 से 40 करोड़ डॉलर निवेश की प्रतिबद्धता आ सकेगी।’ ओएएलपी के छठे दौर के 21 ब्लॉक 11 अवसादी बेसिन में फैले हुए हैं और इसमें 15 जमीनी ब्लॉक, 4 छिछले पानी के ब्लॉक और 2 बहुत गहरे पानी के ब्लॉक शामिल हैं। श्रेणी के मुताबिक श्रेणी-1 के बेसिन में 12 ब्लॉक, श्रेणी-2 में 4 बेसिन, श्रेणी-3 में 5 बेसिन शामिल हैं।
छठे दौर की बोली के बाद हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन ऐंड लाइसेंसिंग पॉलिसी (एचईएलपी) के तहत कुल अन्वेषण क्षेत्र 1,91,926 वर्ग किलोमीटर हो जाएगा।
हेल्प में राजस्व साझा कॉन्ट्रैक्ट मॉडल अपनाया गया है, जो पहले के उत्पादन साझा कॉन्ट्रैक्ट मॉडल से अलग है। इसमें घटी रॉयल्टी दरों, बगैर तेल उपकर, मार्केटिंग व मूल्य निर्धारण में स्वतंत्रता, पूरे साल बोली, निवेशकों को अपने हित के मुताबिक ब्लॉक में खनन की सुविधा, परंपरागत और गैर परंपरागत संसाधनों से हाइड्रोकॉर्बन के लिए एकल लाइसेंस की व्यवस्था की गई है।
बयान में कहा गया है, ‘बोली के चौथे दौर के बाद की बोलियां उदारीकृत नीतिगत शर्तों के मुताबिक की गई हैं, जिसमें उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया गया है और प्रतिबद्धता के मुताबिक काम करने को अहम माना गया है।’