लंबी दूरी के परिवहन में ईंधन के रूप में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का उपयोग करने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए देश में अगले तीन वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश हो सकता है। इस निवेश से 1000 एलएनजी खुदरा स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
सरकारी क्षेत्र की कंपनियों और उनके संयुक्त उद्यम की ओर से स्थापित पचास स्टेशनों को आज शुरू किया गया। इन स्टेशनों में 20 स्टेशन इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (इंडियन ऑयल) के हैं, 11-11 स्टेशन हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के हैं, छह गेल इंडिया के और दो पेट्रोनेट एलएनजी के हैं।
पहले चरण में जिन राज्यों में अधिकतम स्टेशन आएंगे उनमें गुजरात में 10, आंध्र प्रदेश में छह, कर्नाटक में पांच, केरल में तीन, तमिलनाडु में आठ और राजस्थान में तीन शामिल हैं।
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई को जोडऩे वाले राजमार्गों के नेटवर्क स्वर्ण चतुर्भुज पर 50 खुदरा पंपों को शुरू करते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘भारत अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे की ओर बढ़ रहा है। अगले तीन वर्ष में 1,000 एलएनजी स्टेशन स्थापित किए जाएंगे जिसके लिए इस क्षेत्र में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसके जरिये लॉजिस्टिक्स और परिवहन में बड़े बदलाव नजर आएंगे।’
अगले एक वर्ष में स्वर्ण चतुर्भुज नेटवर्क में करीब 150 ऐसे ईंधन स्टेशन स्थापित होने की उम्मीद है जहां हर 200 किलोमीटर पर एक एलएनजी स्टेशन स्थापित करने की रणनीति बनाई गई है। सरकार को निकट भविष्य में देश में परिवहन क्षेत्र में कम से कम 20-25 एमएमएससीएमडी (मिलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड घन मीटर प्रतिदिन) के बराबर एलएनजी आने की उम्मीद है।
प्रधान ने कहा कि एलएनजी के पास देश में 1 करोड़ ट्रकों का कम से कम 10 फीसदी हिस्सेदारी लेने की संभावना है। खनन क्षेत्र में भी सरकार का लक्ष्य भारी वाहनों और उपकरण को एलएनजी से चलाना है। प्रधान ने कहा, ‘जब आप डीजल और एलएनजी की तुलना करते हैं तो एलएनजी 40 फीसदी सस्ता पड़ता है। भारी वाहनों में यदि 40 फीसदी खर्च में कमी आती है तो यह कई प्रकार से लाभदायक स्थिति होगी। लॉजिस्टिक की लागत में कमी आएगी और इसके अलावा महंगाई पर इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।’
भारत का एलएनजी आयात 18 फीसदी बढ़कर 2018-19 के 28,740 मिलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड घन मीटर से 2019-20 में 33,887 एमएमएससीएम पर पहुंच गया। दिलचस्प है कि कोविड को देखते हुए चालू वर्ष में अप्रैल से सितंबर तक 15,881 एमएमएससीएम एलएनजी का संचयी आयात पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 3.3 फीसदी कम है। फिलहाल भारत में छह एलएनजी टर्मिनल हैं-दहेज, हजीरा, दाभोल, कोच्चि, एन्नोर और मुंद्रा जिनकी कुल क्षमता 42.5 एमएमटीपीए है।
