भारत के पहले सॉवरिन ग्रीन फंड के तहत सौर, पवन, हरित सिंचाई पंप और मेट्रो रेल परियोजनाओं को 19,858 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
भारत के पहले सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड से प्राप्त होने वाले धन से यह कोष बनाए जाने की उम्मीद है, जिसकी घोषणा पिछले बजट में हुई थी। पिछले बजट में हरित योजना के तहत सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड प्रमुख थे। बढ़ते हरित ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों की रुचि बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने पिछले साल पहले सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड जारी करने की घोषणा की थी, जिससे ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए संसाधन जुटाया जा सके।
एक साल बाद रिजर्व बैंक ने अब 2 ग्रीन बॉन्डों की नीलामी जारी की, जो 5 साल और 10 साल के हैं। दोनों बॉन्ड 4,000-4000 करोड़ रुपये के हैं। पिछले बजट में कहा गया था कि इस प्रक्रिया से मिलने वाले धन को सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में लगाया जाएगा, जिससे अर्थव्यवस्था में कार्बन की मात्रा में कमी आ सके। इतनी ही राशि के बॉन्ड इस महीने भी आने की उम्मीद है।
केंद्र इस वित्त वर्ष में ग्रीन बॉन्ड से 16,000 करोड़ रुपये जुटाने पर विचार कर रहा है। बहरहाल बजट में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है कि बॉन्ड से ही ग्रीन फंड जुटाया जाएगा या केंद्र अन्य स्रोतों पर भी विचार करेगा। रेल मंत्रालय को ग्रीन फंड के तहत सबसे ज्यादा 12,479 करोड़ रुपये मिले हैं।