वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि सरकार की ओर से संसद में की गई पूरक अनुदान मांग 2021-22 के 34.8 लाख करोड़ रुपये बजट के आकार का करीब 9.6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में 2011-12 में बजट के आकार के 8.6 प्रतिशत पूरक मांग की गई थी। सीतारमण ने कहा कि केंद्र ने बजट का आकलन कम करके नहीं किया था।
दूसरी पूरक अनुदान मांग पर चर्चा का जवाब देते हुए लोकसभा में सीतारमण ने कहा कि केंद्र 2.99 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय की मांग कर रही है क्योंकि एयर इंडिया की बिक्री और उर्वरक के वैश्विक दाम बढऩे जैसे मसले आए और इससे इस साल खाद सब्सिडी में तेज बढ़ोतरी हुई।
सीतारमण ने कहा, ‘तमाम सदस्यों ने सवाल पूछे हैं कि क्या इसबार इसलिए मांग ज्यादा है, क्योंकि बजट अनुमान में कम खर्च का अनुमान लगाया गया था? एयर इंडिया पर बड़ा खर्च हुआ है। साथ ही किसानों का मसला संवेदनशील है और हमने यह सुनिश्चित किया है कि जिंसों के वैश्विक दाम बढऩे का असर उन पर न पडऩे पाए। इसकी वजह से उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ाई गई, जिसका 58,430 करोड़ रुपये बोझ पड़ा है।’
सीतारमण ने कहा कि बैंकों ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या जैसे ऋण चूककर्ता की संपत्तियां बेचकर 13,109 करोड़ रुपये वसूल किए तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले सात वर्ष में समझौते एवं अन्य उपायों से 5.49 लाख करोड़ रुपये की वसूली की।
लोकसभा ने वर्ष 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘बैंक सुरक्षित हैं, बैंकों में जमाकर्ताओं के पैसे सुरक्षित हैं। अर्थव्यवस्था से जुड़े बड़े विषयों पर ध्यान दिया जा रहा है।’ सीतारमण ने कहा कि राज्यों के पास पर्याप्त नकदी है और केवल दो राज्यों का नकदी संतुलन नकारात्मक है।
वित्त मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने वर्ष 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच एवं संबंधित विनियोग विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इसमें 3,73,761 करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिए संसद की मंजूरी मांगी गई है। इसमें 62 हजार करोड़ रुपये एयर इंडिया की शेष आस्तियां एवं देनदारियों से संबंधित हैं।
चर्चा के दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, राकांपा सहित विपक्षी दलों ने अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे पर लोकसभा में सरकार को घेरते हुए कहा था कि अर्थव्यवस्था अवरोधों से जूझ रही है, हर जगह संकट की स्थिति है और सरकार अवास्तविक लक्ष्यों के लिए आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार एअर इंडिया सहित कई सरकारी कंपनियों को बेच रही है जो जन सरोकारों के विपरीत है।
दस्तावेज के अनुसार, इसमें 62 हजार करोड़ रुपये उस कंपनी में डालने के संबंध में है जो एयर इंडिया के निजीकरण के बाद उसकी शेष आस्तियां एवं देनदारियां रखेगी। वर्ष 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच के तहत 3,73,761 करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिए संसद की मंजूरी मांगी गई है। इसमें से निवल नकद व्यय के प्रस्तावों से संबंधित कुल व्यय 2,99,243 करोड़ रुपये है और सकल अतिरिक्त व्यय 74,517 करोड़ रुपये है जिसे मंत्रालयोंाविभागों की बचत और बढ़ती हुई प्राप्तियों और वसूलियों से समतुल्य किया जाएगा।