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Budget 2024: अंतरिम बजट में टैक्स भुगतान सरल बनाए सरकार, EY के डॉक्यूमेंट में जताई गईं कई उम्मीदें

ईवाई के दस्तावेज में कहा गया है कि सरकार को कर भुगतान की सुगमता पर ध्यान जारी रखने के साथ विधायी सुधार पर काम करते रहने की जरूरत है।

Last Updated- January 08, 2024 | 10:52 PM IST
Budget 2024

भारत के कंपनी जगत ने आगामी अंतरिम बजट में पूंजीगत लाभ कर ढांचे को तार्किक बनाए जाने, कर की दरों में स्थिरता, नई स्थापित विनिर्माण कंपनियों को प्रोत्साहन दिए जाने, रणनीतिक एफडीआई के लिए ऐंजल टैक्स के प्रावधानों से छूट को उदार बनाने, छूट की समाप्त हो रही तिथियों को बढ़ाए जाने की मांग की है। बजट पर ईवाई के विचार शीर्षक से तैयार किए गए दस्तावेज में यह सामने आया है।

ईवाई ने अपने बजट से उम्मीद संबंधी दस्तावेज में कहा है कि कंपनी जगत सरकार से कारोबार के पुनर्गठन की सुविधा भी चाहता है। साथ ही सर्विस और ट्रेडिंग संगठनों के लिए 72ए के तहत लाभ के विस्तार की भी मांग की है।

आयकर अधिनियम की धारा 72 ए में करदाताओं को पहले के साल में हुए कारोबारी नुकसान को आगे ले जाने और आगामी वर्षों के मुनाफे में समायोजित करने की सुविधा दी गई है।

ईवाई के दस्तावेज में कहा गया है कि सरकार को कर भुगतान की सुगमता पर ध्यान जारी रखने के साथ विधायी सुधार पर काम करते रहने की जरूरत है।

ईवाई ने कहा है कि आगामी बजट में किसी बड़े कर संशोधन या सुधार की उम्मीद नहीं है, जैसा कि 2009, 2014 और 2019 के अंतरिम बजटों में भी हुआ था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा है कि आगामी अंतरिम बजट पूरी तरह लेखानुदान होगा क्योंकि आम चुनाव होने हैं और पूर्ण बजट जुलाई 2024 में आने की संभावना है।

बहरहाल भारत के उद्योग जगत की मांग को लेकर ईवाई द्वारा तैयार सूची में प्रक्रिया संबंधी अनुपालन को सरल करने, जैसे कि संशोधित रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा के विस्तार, सेंट्रल प्रॉसेसिंग सेंटर के साथ इंटरफेस में सुधार, बोनाफाइड उधारी में स्रोत का ब्योरा देने को लेकर अनुपालन बोझ से राहत की मांग की गई है।

कंपनियों ने शोध एवं विकास और उदारीकृत पेटेंट बॉक्स रिजीम में लक्षित प्रोत्साहन दिए जाने की मांग की है, जिससे नवोन्मेष को बढ़ावा दिया जा सके।

बजट पर ईवाई के दृष्टिकोण में कहा गया है, ‘रिफंड, टीडीएस वापसी आदि में होने वाली देरी से करदाताओं को और राहत देने के लिए सरकार सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर के साथ इंटरफेस की जांच कर सकती है।’

इसमें उम्मीद जताई गई है कि सरकार विवादित विषयों के लंबित मामलों को कम करने की घोषणा कर सकती है, जिसमें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के मासिक निपटान का लक्ष्य तय हो। अन्य कदमों में फेसलेस अपील के लिए अलग तकनीकी इकाई की स्थापना, बंदरगाह के नियमों को आकर्षक बनाए जाने के लिए उन्हें तार्किक बनाना शामिल है।

व्यक्तिगत कर के मोर्चे पर ईवाई की सूची में कर्मचारी स्टॉक विकल्प (ईसॉय) के लिए कर भुगतान स्थगन के लाभ को पात्र स्टार्टअप से आगे बढ़ाते हुए सभी नियोक्ताओं के लिए बिक्री के चरण तक विस्तारित करना शामिल है। साथ ही मानक कटौती सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये किए जाने की भी मांग की गई है।

ईवाई ने व्यक्तिगत कर से जुड़े मसलों में आगामी बजट में स्पष्टता लाए जाने की भी मांग की है।

खासकर ईवाई ने आवास क्षेत्र को लेकर मांग की है कि जिन मकानों में व्यक्ति खुद रह रहा हो, उस पर लिए गए आवास ऋण पर ब्याज पर कर छूट की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर कम से कम 3 लाख रुपये की जानी चाहिए।

First Published - January 8, 2024 | 10:52 PM IST

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