facebookmetapixel
खरीदारी पर श्राद्ध – जीएसटी की छाया, मॉल में सूने पड़े ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोरएयरपोर्ट पर थर्ड-पार्टी समेत सभी सेवाओं के लिए ऑपरेटर होंगे जिम्मेदार, AERA बनाएगा नया नियमकाठमांडू एयरपोर्ट से उड़ानें दोबारा शुरू, नेपाल से लोगों को लाने के प्रयास तेजभारत-अमेरिका ट्रेड डील फिर पटरी पर, मोदी-ट्रंप ने बातचीत जल्द पूरी होने की जताई उम्मीदApple ने उतारा iPhone 17, एयर नाम से लाई सबसे पतला फोन; इतनी है कीमतGST Reforms: इनपुट टैक्स क्रेडिट में रियायत चाहती हैं बीमा कंपनियांमोलीकॉप को 1.5 अरब डॉलर में खरीदेंगी टेगा इंडस्ट्रीज, ग्लोबल मार्केट में बढ़ेगा कदGST 2.0 से पहले स्टॉक खत्म करने में जुटे डीलर, छूट की बारिशEditorial: भारत में अनुबंधित रोजगार में तेजी, नए रोजगार की गुणवत्ता पर संकटडबल-सर्टिफिकेशन के जाल में उलझा स्टील सेक्टर, QCO नियम छोटे कारोबारियों के लिए बना बड़ी चुनौती

Budget 2024-25: रेलवे को मिले तीन आर्थिक गलियारे, वंदे भारत जैसी होंगी 40 हजार बोगियां

Budget 2024-25: सीतारमण ने कहा, 'भारी यातायात गलियारे के कारण ट्रेनों की भीड़ कम होने से यात्री ट्रेनों के परिचालन में सुधार होगा। इससे यात्रियों के लिए सुरक्षा बढ़ेगी।'

Last Updated- February 01, 2024 | 10:03 PM IST
Budget for Railway: Capital expenditure of Railways increased marginally to Rs 2.65 lakh crore, not discussed in the budget speech Budget for Railway: रेलवे का पूंजीगत खर्च मामूली बढ़कर हुआ 2.65 लाख करोड़ रुपये, बजट भाषण में नहीं हुई चर्चा

भारतीय रेल के विकास को रफ्तार देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपने अंतरिम बजट में कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने  रेलवे के लिए तीन प्रमुख आर्थिक गलियारा परियोजनाएं शुरू करने का प्रस्ताव किया। इनमें ऊर्जा, खनिज एवं सीमेंट गलियारा, बंदरगाह कनेक्टिविटी गलियारा और भारी यातायात वाला गलियारा शामिल हैं।

मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए पीएम गति शक्ति योजना के तहत इन परियोजनाओं की पहचान की गई है। इनका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स कुशलता सुधारना और लागत को कम करना है।

सीतारमण ने कहा, ‘भारी यातायात गलियारे के कारण ट्रेनों की भीड़ कम होने से यात्री ट्रेनों के परिचालन में सुधार होगा। इससे यात्रियों के लिए सुरक्षा बढ़ेगी और यात्रा की गति भी बेहतर होगी। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के साथ मिलकर ये तीनों आर्थिक गलियारे देश की जीडीपी वृद्धि को गति देंगे और लॉजिस्टिक लागत कम करेंगे।’

लोकसभा चुनाव से पहले रेलवे पर वित्त मंत्री की यह बात केंद्र सरकार पर सुरक्षा और समय पालन को लेकर पिछले साल हुईं आलोचनाओं के जवाब में थी। पिछले साल ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे में 300 लोगों की मौत के बाद सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। रेलवे नेटवर्क पर भीड़ के कारण रेलवे स्टेशनों पर भी भीड़ बढ़ गई। इस कारण नवंबर में त्योहारों के दौरान रेल यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था।

40 हजार ट्रेनों की बोगियां वंदे भारत जैसी

इसके अलावा 40 हजार ट्रेनों की बोगियों को वंदे भारत जैसी बोगियों में तब्दील किया जाएगा ताकि यात्रियों की सुरक्षा बढ़े एवं सुविधा और आराम मिल सके। इन गलियारों से राष्ट्रीय रेल योजना और मिशन 300 करोड़ टन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद भी जताई जा रही है।

राष्ट्रीय रेल योजना के तहत भारतीय रेलवे ने साल 2022 में वित्त वर्ष 2028 तक रेल बुनियादी ढांचे और रेल नेटवर्क विस्तार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना बनाई थी। इसके जरिये वित्त वर्ष 2030 तक मिशन 300 करोड़ टन (मिशन 300 करोड़ टन) की माल ढुलाई की जा सके। मिशन 300 करोड़ टन के तहत 8.45 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित पूंजीगत व्यय के साथ 1,200 से अधिक कार्यों को अगले पांच वर्षों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है।

रेलवे ने की करीब 7 फीसदी ज्यादा माल ढुलाई

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान रेलवे ने 151.2 करोड़ टन माल ढुलाई की, जो वित्त वर्ष 2021-22 के 141. 8 करोड़ टन की तुलना में 6.63 फीसदी अधिक है। यह किसी भी वित्त वर्ष में भारतीय रेलवे के लिए सर्वाधिक ढुलाई है। वित्त वर्ष 2023-24 के अप्रैल से नवंबर के दौरान भारतीय रेलवे ने 101.567 करोड़ टन माल ढुलाई की, जो पिछले साल की इसी अवधि के 97.872 करोड़ टन से 3.6945 करोड़ टन अधिक है।

साल 2022-23 के दौरान इसने 2.44 लाख करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, जो पिछले साल के 1.91 लाख करोड़ रुपये से 28 फीसदी अधिक है। रेलवे की आय 110.007 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की इसी अवधि के 105.905 करोड़ रुपये से करीब 4,102 करोड़ रुपये ज्यादा है।

First Published - February 1, 2024 | 8:33 PM IST

संबंधित पोस्ट