वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को 32 सामान पर बुनियादी सीमा शुल्क में बदलाव कर दिया। यह बदलाव देसी विनिर्माण में बढ़ोतरी और देसी मूल्यवर्धन में इजाफे के लिए किया गया है।
करों को व्यावहारिक बनाने और उसके सरलीकरण से निर्यात में मजबूती की उम्मीद है। करीब 14 सामान पर आयात शुल्क में इजाफा किया गया है ताकि खिलौने जैसे सस्ते गुणवत्ता वाले आयात का मसला सुलझाया जा सके।
दूसरी ओर, मध्यम रेंज वाले प्रीमियम ऑटोमोबाइल (इलेक्ट्रिक वाहन समेत) के स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने और मूल्यवर्धन के लिए शुल्क में इजाफा किया गया है।
सिगरेट जैसे उत्पाद भी महंगे होने के आसार हैं। विशिष्ट सिगरेट पर नैशनल कैलामिटी कंटिनजेंट ड्यूटी को तीन साल पहले संशोधित किया गया था और अब इसे संशोधित कर करीब 16 फीसदी कर दिया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा, करों की कम दर के साथ सरलीकृत कर ढांचा अनुपालन का बोझ घटाने और कर प्रशासन में सुधार लाने में मदद करता है। टेक्सटाइल व कृषि के अलावा अन्य सामान पर आधारभूत सीमा शुल्क की दरें 21 फीसदी से 13 फीसदी कर दी गई है।
इसके परिणामस्वरूप खिलौने, साइकल, ऑटोमोबाइल और नाफ्था समेत कुछ सामान पर आधारभूत सीमा शुल्क, उपकर व अधिभार में मामूली बदलाव हुआ है। ये बदलाव 2 फरवरी से प्रभावी हो जाएंगे।
बजट दस्तावेज के मुताबिक, सीमा शुल्क से राजस्व का संशोधित अनुमान 2.1 लाख करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 24 में यह 11 फीसदी की उछाल के साथ 2.33 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचन जाएगा।
ग्रीन मोबिलिटी को सहारा देने के लिए सीमा शुल्क में छूट का विस्तार पूंजीगत सामान व मशीनरी के आयात पर कर दिया गया है, जिसकी दरकार लिथियम आयन बैटरी बनाने में होता है और जिसका प्रयोग इलेक्ट्रिक वाहनों में होता है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव ने चेतावनी दी है कि रियायती आयात शुल्क स्थानीय बैटरी विनिर्माण में निवेश में देर करेगा। इसमें कहा गया है कि फर्म खुशी-खुशी बैटरी आयात करेंगे और ईवी में इस्तेमाल होने वाली बैटरी बनाने के लिए उसमें 10 फीसदी से कम मूल्यवर्धन उन्हें करना होता है। हमारा ईवी का सपना आयात नहीं बढ़ाएगा और न ही चीन को मजबूत बनाएगा।
बहुमूल्य धातुओं मसलन सोना, चांदी और प्लेटिनम पर सीमा शुल्क 20 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया है। इस तरह से सोना, चांदी व प्लेटिनम बार पर शुल्क का अंतर 10 फीसदी हो गया है। इससे इस क्षेत्र में देसी विनिर्माण मजबूत होगा। इमिटेशन ज्वैलरी पर सीमा शुल्क 20 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी किया गया है ताकि चीन से सस्ते आयात को हतोत्साहित किया जा सके।
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प्रयोगशाला में बनाए गए डायमंड सीड्स पर शुल्क 5 फीसदी से घटाकर शून्य कर दिया गया है, जिससे उत्पादन लागत घटेगी और ऐसे हीरे का निर्यात वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन जाएगा। वाणिज्य विभाग ने एक बयान में ये बातें कही।
फिश मेटल पर आयात शुल्क 15 फीसदी से 5 फीसदी किया गया है, जो निर्यात को मजबूत करेगा। कंपाउंड रबर पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया है। यह देश में ऐसे रबर का आयात घटाएगा और प्राकृतिक रबर की मांग व कीमत में मजबूती आएगी।