त्योहारी सीजन से ठीक पहले जुलाई में यात्री वाहनों (पीवी) की थोक बिक्री में सुस्ती रही और पिछले साल की तुलना में यह 0.2 फीसदी घटकर 3,40,772 वाहन रह गई। डीलरों के पास वाहनों की संख्या ज्यादा बढ़ी हुई थी। इस कारण निर्माताओं को कम वाहन भेजने को मजबूर होना पड़ा। यह लगातार तीसरा महीना है, जब यात्री वाहनों के डीलरों तक डिस्पैच में गिरावट आई है।
जुलाई में यात्री वाहनों का उत्पादन 3,98,071 वाहनों (0.1 फीसदी की वृद्धि) पर स्थिर रहा। इससे जाहिर होता है कि मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) की आपूर्ति खुदरा मांग के अनुरूप हो रही है। यात्री वाहनों में यात्री कारों की थोक बिक्री में 0.5 फीसदी की गिरावट आई जबकि यूटिलिटी वाहनों में 2.4 फीसदी की मामूली वृद्धि हुई।
जुलाई में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री में सालाना आधार पर 0.8 फीसदी की गिरावट आई। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने कहा कि कम पूछताछ और कमजोर ग्राहक धारणा के कारण शहरी मांग धीमी रही। इन्वेंट्री का स्तर करीब 55 दिनों पर बरकरार है। इस वित्त वर्ष की शुरुआत से ही यात्री वाहनों की थोक बिक्री पर दबाव बना हुआ है। अप्रैल में 5.5 फीसदी की वृद्धि के बाद पिछले दो महीनों में इसमें गिरावट आई है। मई में इसमें 0.8 फीसदी और जून में 6.3 फीसदी की कमी आई। अप्रैल-जुलाई की अवधि में यात्री वाहनों की थोक बिक्री में 0.7 फीसदी की गिरावट आई।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) के आंकड़ों के अनुसार भारत की सबसे बड़ी यात्री वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजूकी की जुलाई में बिक्री 1,37,776 वाहनों पर स्थिर रही। इस महीने की शुरुआत में पत्रकारों से बात करते हुए मारुति सुजूकी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (मार्केटिंग एवं सेल्स) पार्थो बनर्जी ने कहा था कि वे आगामी त्योहारों को लेकर आशावादी हैं। केरल में ओणम और सितंबर में गणेश चतुर्थी से मांग बढ़ने की संभावना है।
उन्होंने कहा, केरल में जुलाई में ही 10 फीसदी बुकिंग बढ़ चुकी है जो मजबूत त्योहारी संकेत है। अच्छे मॉनसून और संभावित एमएसपी बढ़ोतरी से भी ग्रामीण मनोबल को बल मिलने और बिक्री में तेजी की उम्मीद है। सायम के महानिदेशक राजेश मेनन ने भी कहा, अगस्त के उत्तरार्ध में ओणम उत्सव के साथ त्योहारी सीजन के आगाज से भारतीय वाहन उद्योग आने वाले महीनों में मांग में तेजी को लेकर आशावादी है।
जून की तुलना में जुलाई में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री में 10.8 फीसदी की वृद्धि हुई। फाडा ने कहा कि बढ़िया मॉनसून और त्योहारों के उत्साह से अगस्त में मांग में तेजी आएगी। सटीक प्रचार, साझेदारी में वित्तीय व्यवस्था और ग्रामीण-शहरी जुड़ाव में गतिशीलता, मांग को निरंतर खुदरा वृद्धि में बदलने के अहम कारक होंगे।
उद्योग के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि ग्रामीण वृद्धि पिछले वर्ष के 10 फीसदी से घटकर 2-3 फीसदी रह गई है जबकि शहरी बुकिंग में सुधार दिख रहा है। मगर आईटी में नौकरी की चिंता, एआई की अनिश्चितताओं और भूराजनीतिक कारकों से डिलिवरी में देरी हो रही है।
विश्लेषकों ने बताया कि हाल के महीनों में खरीदारों की संख्या और पूछताछ में कमी आई है जिसका आंशिक कारण नौकरी बाजार की अनिश्चितताएं हैं और लोग खरीदारी को अंतिम रूप देने में अधिक समय ले रहे हैं। दूसरी ओर यात्री वाहनों का निर्यात स्थिर रहा और जुलाई में 8.7 फीसदी की वृद्धि हुई।
जुलाई में दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री में क्रमशः 8.7 फीसदी और 17.5 फीसदी की वृद्धि हुई। दोपहिया वाहनों में स्कूटरों की बिक्री में 16.2 फीसदी का इजाफा हुआ जबकि मोटरसाइकलों की बिक्री में 4.7 फीसदी की वृद्धि हुई। यात्री तिपहियों की बिक्री में 21.4 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि मालवाही तिपहिया बिक्री 10.6 फीसदी बढ़ी। हालांकि ई-रिक्शा की बिक्री में 53 फीसदी की गिरावट आई।