भारत के प्रमुख दोपहिया वाहन विनिर्माताओं ने नवंबर में घरेलू बिक्री में एक अंक में गिरावट दर्ज की। इससे पहले अक्टूबर में त्योहारी सीजन के कारण थोक बिक्री में तेजी दर्ज गई थी और इसमें 14 फीसदी का उछाल आया था। इसके अलावा, घरेलू बिक्री भी 36 फीसदी बढ़ी थी। पिछले साल नवंबर के मुकाबले इस साल नवंबर में हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो और रॉयल एनफील्ड जैसी दिग्गज दोपहिया वाहन विनिर्माता कंपनियों में अपनी घरेलू बिक्री में 4 से 7 फीसदी के दायरे में गिरावट दर्ज की है।
दूसरी ओर, एक और प्रमुख कंपनी टीवीएस मोटर कंपनी ने स्कूटर और इलेक्ट्रिक वाहनों की मजबूत मांग के कारण घरेलू दोपहिया वाहन बिक्री में 6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। प्राइमस पार्टनर के प्रबंध निदेशक अनुराग सिंह ने कहा, ‘नवंबर में मिश्रित प्रदर्शन से पता चलता है कि मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) को त्योहारी अवधि के बाद अपने इन्वेंट्री को फिर से व्यवस्थित करना होगा। भले ही घरेलू बिक्री को प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा मगर दोपहिया वाहनों की बिक्री के लिए समग्र दृष्टिकोण अभी भी आशावादी बना हुआ है।’
उन्होंने कहा, ‘त्योहारी सीजन के दौरान दोपहिया वाहन खंड में दमदार खुदरा बिक्री दर्ज की गई है और इस साल अप्रैल से नवंबर के बीच एक साल पहले के मुकाबले बिक्री बढ़ी है।’ इस खंड को दमदार त्योहारी सीजन और अक्टूबर में हुई रिकॉर्ड तोड़ बिक्री से दम मिला है। इस साल त्योहारी सीजन (3 अक्टूबर से 13 नवंबर तक) के दौरान खुदरा बिक्री एक साल पहले के मुकाबले 13.7 फीसदी बढ़ी है। इस बार त्योहारों के दौरान 33,11,325 गाड़ियां बिकी हैं, जबकि पिछले साल त्योहारों के दौरान (15 अक्टूबर से 25 नवंबर तक) 29,10,141 गाड़ियों की बिक्री हुई थी।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक (चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से अक्टूबर अवधि) खुदरा बिक्री भी 13.54 फीसदी बढ़कर 1,06,36,263 इकाइयों की हो गई है। इस साल अक्टूबर में खुदरा बिक्री पिछले साल के मुकाबले 36.34 फीसदी बढ़कर 20,65,095 गाड़ियों की हो गई, जबकि सितंबर के मुकाबले इसमें 71.48 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम के मुताबिक, दोपहिया वाहन खंड ने अक्टूबर में 21,64,276 इकाइयों के साथ अपना अब तक का उच्चतम थोक आंकड़ा दर्ज किया, जो पिछले साल के मुकाबले 14.2 फीसदी ज्यादा है। इस साल अक्टूबर में ग्रामीण बिक्री में एक साल के मुकाबले 1.16 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि शहरी बाजारों में 1.41 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।