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ये कंपनी ला रही यात्री कारों के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक

यह केंद्र आईआईटी मद्रास के तय्युर के डिस्कवरी कैंपस में 65,000 वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में बनेगा और इसमें आधुनिक कंप्यूटेशनल तथा प्रायोगिक प्रयोगशालाएं होंगी।

Last Updated- July 08, 2025 | 10:23 PM IST
Hyundai

भारत यात्री कारों के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक में कदम बढ़ा रहा है। ह्युंडै मोटर इंडिया ने चेन्नई के तय्युर में आईआईटी मद्रास के डिस्कवरी सैटेलाइट कैंपस के भीतर ह्युंडै एचटीडब्ल्यूओ इनोवेशन सेंटर की शुरुआत की है और इसके लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) और गाइडेंस तमिलनाडु के साथ हाथ मिलाया है। यह अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास केंद्र हरित हाइड्रोजन तकनीक और उसके पारिस्थितिकी तंत्र के क्षेत्र में नवाचार के लिए प्रेरक के रूप में काम करेगा।

कंपनी ने हाल में ह्युंडै नेक्सो हाइड्रोजन एफसीईवी का प्रदर्शन करने और भारतीय सड़कों पर वास्तविक परीक्षण के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के साथ हाथ मिलाया था।  देश में हाइड्रोजन कारों पर काम करने वाली एकमात्र अन्य कंपनी टोयोटा किर्लोस्कर मोटर है। वह देश की परिस्थितियों में हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक का अध्ययन करने के लिए टोयोटा मिराई का उपयोग करके इंटरनैशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नॉलजी (आईसीएटी) के साथ प्रायोगिक परियोजना चला रही है। वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में प्रायोगिक परीक्षण पहले से ही चल रहे हैं।

ह्युंडै मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक उनसू किम ने कहा, ‘हमारी परिकल्पना इलेक्ट्रिफिकेशन से आगे की है। हम हरित हाइड्रोजन को ऊर्जा के परिवर्तनकारी समाधान के रूप में देखते हैं, जिसके विभिन्न क्षेत्रों में अनुप्रयोग हैं, ईंधन को रिफाइन करने से लेकर उर्वरक और रसायन बनाने तक।’ यह उपलब्धि भारत में हरित हाइड्रोजन के नवाचार में अग्रणी बनने की ह्युंडै की 100 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता में अगले चरण का प्रतीक है।

तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टीआरबी राजा ने कहा, ‘भारत को आगे बढ़े, इसके लिए तमिलनाडु को बहुत तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है और तमिलनाडु अपनी अद्भुत प्रतिभा के जरिये ठीक यही कर रहा है। इस अद्भुत जगह पर ऐसी संभावनाएं हैं, जिनकी ओर बाकी दुनिया अब देख रही है। ह्युंडै एचटीडब्ल्यूओ इनोवेशन सेंटर स्वदेशी हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।’

यह केंद्र आईआईटी मद्रास के तय्युर के डिस्कवरी कैंपस में 65,000 वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में बनेगा और इसमें आधुनिक कंप्यूटेशनल तथा प्रायोगिक प्रयोगशालाएं होंगी।

First Published - July 8, 2025 | 10:10 PM IST

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