देश में वाहन कबाड़ में धीमी वृद्धि की चिंताओं के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने पांचवें ‘ऑटो रिटेल कॉन्क्लेव’ में वाहन डीलरों को फिटनेस केंद्र और वाहनों का कबाड़ बनाने वाले संयंत्र खोलकर अपना व्यावसायिक दायरा बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
वाहन डीलरों की राह में आ रही चुनौतियों का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा, ‘ये खतरे की घंटी हैं। इनमें घटते मुनाफा मार्जिन, बढ़ते पूंजीगत खर्च और निर्माताओं द्वारा ऑनलाइन बुकिंग एवं बिक्री का गहराता संकट शामिल है।’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए, मैं डीलरों को फिटनेंस केंद्रों, स्क्रैपिंग संयंत्रों और चालक प्रशिक्षण केंद्रों की संभावनाएं तलाशने के लिए डीलरों को उत्साहित करना चाहूंगा, क्योंकि ये विकल्प आपके मौजूदा व्यावसायिक परिवेश के लिहाज से अनुकूल हैं।’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार पुनर्निर्माण से जुड़ी अर्थव्यवस्था को सक्रियता के साथ बढ़ावा दे रही है और इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर डीलरों को वाहन कबाड़ संयंत्र स्थापित करने के लिए जरूरी मंजूरियां दी जाएंगी। गडकरी ने कहा, ‘हम इस व्यवसाय में आपका प्रवेश सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
सीमित सफलता से चिंता
जनवरी 2021 में पेश वाहन स्क्रैपिंग नीति से सफल परिणाम हासिल करने में सरकार की विफलता को ध्यान में रखते हुए मंत्री ने इस तरह का कदम उठाए जाने की जरूरत पर जोर दिया है। गडकरी द्वारा राज्यसभा में दिए गए एक सवाल के अनुसार, 31 मार्च, 2023 तक पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग संयंत्रों ने 11,025 वाहनों का कबाड़ जमा किया, जिनमें 7,750 निजी वाहन और 3,275 सरकारी वाहन शामिल थे। यह आंकड़ा 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों की कुल संख्या के लिहाज से काफी कम है।
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में गडकरी ने यह भी खुलासा किया कि 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 2,56,935 सरकारी वाहन 15 साल से ज्यादा पुराने हैं। स्क्रैपिंग केंद्रों का अभाव इस दिशा में धीमी प्रगति का अन्य कारण है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, मौजूदा समय में, पूरे देश में सिर्फ 34 पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग फैसिलिटीज (आरवीएसएफ) हैं। उन्होंने कहा कि कबाड़ वाहन सामग्री के इस्तेमाल से कच्चे माल की लागत में 33 प्रतिशत की बचत होती है, जबकि इससे नए वाहनों की बिक्री में 18-20 प्रतिशत तक का इजाफा होता है।
वैकल्पिक ईंधन, एक बड़ा अवसर
मंत्री ने वैकल्पिक ईंधनों और जैव ईंधन इस्तेमाल को बढ़ावा देने के प्रयासों पर भी चर्चा करते हुए ग्रीन हाइड्रोजन का प्रख्यात उत्पादक बनने की सरकार की महत्वाकांक्षा पर भी जोर दिया। गडकरी ने हाइड्रोन ईंधन स्टेशन, एथनॉल उत्पादन संयंत्रों और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन की स्थापना की जरूरत का भी जिक्र किया। उन्होंने सभी को इन क्षेत्रों पर विचार करने और निवेश बढ़ाने का अनुरोध किया।