facebookmetapixel
पब्लिक सेक्टर बैंकों को टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर करना होगा फोकस: SBI चेयरमैन शेट्टीGST 2.0: फाडा ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कंपनसेशन सेस क्रेडिट अटका तो होगा 2,500 करोड़ का नुकसानप्रीमियम स्कूटर बाजार में TVS का बड़ा दांव, Ntorq 150 के लिए ₹100 करोड़ का निवेशGDP से पिछड़ रहा कॉरपोरेट जगत, लगातार 9 तिमाहियों से रेवेन्यू ग्रोथ कमजोरहितधारकों की सहायता के लिए UPI लेनदेन पर संतुलित हो एमडीआरः एमेजॉनAGR बकाया विवाद: वोडाफोन-आइडिया ने नई डिमांड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कियाअमेरिका का आउटसोर्सिंग पर 25% टैक्स का प्रस्ताव, भारतीय IT कंपनियां और GCC इंडस्ट्री पर बड़ा खतरासिटी बैंक के साउथ एशिया हेड अमोल गुप्ते का दावा, 10 से 12 अरब डॉलर के आएंगे आईपीओNepal GenZ protests: नेपाल में राजनीतिक संकट गहराया, बड़े प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने दिया इस्तीफाGST Reforms: बिना बिके सामान का बदलेगा MRP, सरकार ने 31 दिसंबर 2025 तक की दी मोहलत

गोदाम से स्थानीय स्टोर तक में हो रहा बदलाव

ओला इलेक्ट्रिक अब कंपनी के स्वामित्व वाले करीब 4,000 स्टोरों का संचालन करती है।

Last Updated- April 23, 2025 | 11:36 PM IST
Ola Cabs will have to give option for refund, CCPA took many actions after 2061 complaints Ola Cabs को रिफंड के लिए देना होगा विकल्प, 2061 शिकायतों के बाद CCPA ने लिए कई एक्शन
प्रतीकात्मक तस्वीर

महाराष्ट्र में ओला इलेक्ट्रिक स्टोरों के बिना ट्रेड सर्टिफिकेट चलने को लेकर हो रहे विवाद के बीच बेंगलूरु की इलेक्ट्रिक दोपहिया विनिर्माता कंपनी के सूत्रों ने कहा कि फिलहाल कंपनी केंद्रीकृत गोदाम वाले प्रारूप में बदलाव कर रही है और खुदरा बिक्री पर केंद्रित दृष्टिकोण अपना रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ओला इलेक्ट्रिक यह सुनिश्चित कर रही है कि इस बदलाव के दौरान सभी नियामकीय अनुपालन पूरे किए जाएं।

इस घटनाक्रम के जानकार सूत्र ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘ओला इलेक्ट्रिक अब कंपनी के स्वामित्व वाले करीब 4,000 स्टोरों का संचालन करती है। वह धीरे-धीरे अपने खुदरा बिक्री वाले प्रारूप को केंद्रीकृत गोदामों से इन स्टोर में स्थानांतरित कर रही है, इसलिए कंपनी यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी नियामकीय अनुपालन साथ-साथ पूरे किए जाएं।’

सूत्रों के अनुसार ओला इलेक्ट्रिक वितरण नेटवर्क बदलाव वाली परियोजनाओं की दिशा में बढ़ रही है। इनमें क्षेत्रीय गोदामों को बंद करना और वाहनों, कलपुर्जों तथा एक्सेसरीज को कारखाने से सीधे स्टोर तक भेजना, पंजीकरण और अन्य प्रक्रियाओं को स्वचालित करना तथा बिक्री और सेवा नेटवर्क में उत्पादकता में सुधार करना शामिल है। लागत में बचत के अलावा इन बदलावों की वजह से बिना बिके वाहनों का औसत स्टॉक 35 दिनों से घटकर 20 दिन रह गया है और ग्राहकों को डिलिवरी का समय 12 दिनों से चार दिन रह गया है।

First Published - April 23, 2025 | 11:36 PM IST

संबंधित पोस्ट