भारतीय बाजार में अभी मंदी के आसार नहीं, अमेरिकी मुद्रास्फीति तय करेगी आगे की राह
क्या बाजारों के लिए जोखिम पैदा हो रहे हैं? बाजारों के लिए जोखिम बढ़ रहे हैं, लेकिन ये काफी हद तक किसी एक बड़े कॉरपोरेट समूह में हाल में हुई बिकवाली पर आधारित हैं। अल्पावधि से मध्यावधि में, जोखिम ऊंचा बना रहेगा। भारतीय बाजार अतिरिक्त तरलता (liquidity) की वजह से पिछले 18 महीनों में तेजी […]
Mcap के लिहाज से 100 अग्रणी शेयरों में 17 फीसदी बढ़त की उम्मीद
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के हालिया अध्ययन से पता चलता है कि बाजार पूंजीकरण (mcap) के लिहाज से 100 अग्रणी शेयरों में मौजूदा स्तर से 17 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। 100 अग्रणी शेयरों की हिस्सेदारी भारत के बाजार पूंजीकरण में 68 फीसदी है। अध्ययन में कहा गया है, 100 अग्रणी कंपनियों की आम सहमति […]
भारत में बैंक मजबूत स्थिति में, SVB जैसे हालात नहीं
शुक्रवार को बैंकिंग शेयरों में बिकवाली दबाव देखा गया। एनएसई पर बैंकिंग शेयरों के प्रदर्शन का मापक निफ्टी बैंक सूचकांक दिन के कारोबार में करीब दो प्रतिशत गिर गया था। निफ्टी-50 सूचकांक में करीब 1 प्रतिशत की कमजोरी दर्ज की गई। विश्लेषकों का कहना है कि बैंकिंग शेयरों में भारी बिकवाली अमेरिका स्थित सिलीकॉन वैली […]
आईटी शेयरों पर फेड की दर बढ़ोतरी, मंदी का साया
उच्च महंगाई के कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अनुमान से ज्यादा सख्त मौद्रिक नीति और कैलेंडर वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में मंदी की आशंका भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों पर असर डाल सकती है। ऐसा विश्लेषकों का मानना है। यह आईटी शेयरों पर अगले कुछ महीनों तक नियंत्रण रख सकता है। इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी […]
भारत अनावश्यक रूप से महंगा बाजार नहीं
वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीतिगत सख्ती (खासकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व) से वैश्विक इक्विटी बाजारों का प्रदर्शन प्रभावित हुआ है। जेफरीज के प्रबंध निदेशक महेश नंदुरकर ने पुनीत वाधवा के साथ बातचीत में कहा कि बाजारों पर अगले 6 महीनों के दौरान और संभवत: मौजूदा कैलेंडर वर्ष की चौथी तिमाही तक ऊंची दरों का प्रभाव […]
बाजार में भारी उठापटक के बावजूद शेयरों में म्युचुअल फंड निवेश 1.5 लाख करोड़ रुपये के पार
चालू वित्त वर्ष के दौरान शेयर बाजार में तमाम उठापटक और बाधाओं के बावजूद शेयर बाजार पर देसी म्युचुअल फंडों का भरोसा बना हुआ है। वित्त वर्ष 2023 में म्युचुअल फंडों ने शेयरों में 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा शुद्ध निवेश किया है। यह लगातार दूसरा साल है, जब इतना अधिक निवेश हुआ है। […]
भारत अनावश्यक रूप से महंगा बाजार नहीं: Jefferies MD महेश नंदुरकर
क्या कैलेंडर वर्ष 2023 में वैश्विक इक्विटी की चुनौतियां दूर हो सकती हैं? क्या आप यह मान रहे हैं कि 2023 की दूसरी छमाही या कैलेंडर वर्ष 2024 के शुरू में अमेरिकी फेड ब्याज दरें घटाएगा? इस साल फेड द्वारा दर कटौती की संभावना काफी कम दिख रही है। अल्पावधि में, दरें 25-50 आधार अंक […]
वैश्विक बाजारों में दिख चुका है फेड की आगामी दर वृद्धि का असर; जोखिम में भारतीय इक्विटी
UBS के विश्लेषकों ने एक ताजा रिपोर्ट में लिखा है कि भारतीय इक्विटी बाजार महंगे दिख रहे हैं और यदि अमेरिकी फेडरल रिजर्व मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए दरें बढ़ाकर 6 प्रतिशत करता है तो बाजार में गिरावट आ सकती है। वहीं मौजूदा स्तर पर वैश्विक इक्विटी बाजारों में फेड द्वारा दर बढ़ाकर 5.5 […]
5Paisa के CEO प्राकर्ष गगडानी ने कहा, छोटे निवेशक ज्यादा परेशान
5Paisa के मुख्य कार्याधिकारी प्राकर्ष गगडानी ने पुनीत वाधवा के साथ साक्षात्कार में कहा कि एनएसई द्वारा ब्याज दर डेरिवेटिव के लिए बाजार कारोबार का समय बढ़ाए जाने से जहां ब्रोकिंग व्यवसाय की लागत बढ़ेगी, वहीं लंबे कारोबारी घंटों से नियमित कारोबारियों की चिंता बढ़ जाएगी। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश: क्या […]
खुदरा निवेशक ज्यादा परेशान; समय के अनुसार सुधार की कर रहे उम्मीद
क्या आप मानते हैं कि अब बाजारों में गिरावट आ सकती है? फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) बैठक से संकेत मिला है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व मुद्रास्फीति नियंत्रित करने के लिए निकट भविष्य में और ज्यादा दर वृद्धि को इच्छुक है। हालांकि वैश्विक बाजारों में इसका काफी हद तक असर दिख चुका है। निवेशकों को […]