पश्चिमी राज्य गुजरात में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (PSU) के शेयर बुधवार को बीएसई पर करीब 20 प्रतिशत तक चढ़ गए। गुजरात सरकार द्वारा मंगलवार को राज्य की सूचीबद्ध कंपनियों और पीएसयू के शेयरधारकों को न्यूनतम स्तर के लाभांश वितरण (dividend distribution) और बोनस शेयर से संबंधित नई नीति की घोषणा किए जाने के बाद इन शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिली।
विश्लेषकों का मानना है कि हालांकि यह कदम लाभांश के लिए कंपनियों से लाभ कमाने का प्रयास नजर आ रहा है, लेकिन आखिरकार इससे शेयरधारकों के लिए वैल्यू तैयार होगी और एक्सचेंजों पर इन शेयरों की धारणा में सुधार आएगा। उनका कहना है कि चूंकि ये कंपनियां तुरंत आक्रामक पूंजीगत खर्च योजनाएं नहीं बना सकती हैं, लेकिन उनके बहीखातों की नकदी का अच्छी तरह से इस्तेमाल किया जा सकेगा।
IDBI Capital में शोध प्रमुख ए के प्रभाकर ने कहा, ‘भले ही सरकार लाभांश कमाने के लिए यह नीति ला रही हो, लेकिन इससे सभी शेयरधारकों को फायदा होगा। ये कंपनियां मजबूत बुनियादी आधार से जुड़ी हुई हैं, लेकिन उन्होंने औपचारिक तौर पर कम लाभांश दिया है। नए कदम से शेयरधारक वैल्यू सुधरेगी और बाजार धारणा में मजबूती आएगी। कुल मिलाकर, यह एक सकारात्मक कदम है और इससे इन शेयरों में निवेशकों का भरोसा बना रहेगा।’
गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जीएमडीसी- भाव: 159.75 रुपये), गुजरात इंडस्ट्रीज पावर कंपनी लिमिटेड (जीआईपीसीएल-91.33 रुपये) और गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स ऐंड केमिकल्स (जीसएफसी-153.30 रुपये) ने बीएसई पर 20 प्रतिशत तेजी की ऊपरी सीमा दर्ज की है।
गुजरात अल्कलाइज ऐंड केमिकल्स लिमिटेड (जीएसीएल) का शेयर 734.80 रुपये पर 17 प्रतिशत तेजी के साथ बंद हुआ। गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स ऐंड केमिकल्स (जीएनएफसी) 11 प्रतिशत बढ़कर 586.90 रुपये, गुजरात स्टेट पेट्रानेट (जीएसपीएल) 7 प्रतिशत चढ़कर 283.80 रुपये पर और गुजरात गैस 1 प्रतिशत की तेजी के साथ 463.30 रुपये पर बंद हुआ। तुलनात्मक तौर पर बीएसई का सेंसेक्स 0.28 प्रतिशत तेजी के साथ 60,300.58 पर बंद हुआ।
खबरों के अनुसार, गुजरात ने न्यूनतम 20 प्रतिशत कर-पश्चात लाभ (पीएटी) या कुल नेटवर्थ का 5 प्रतिशत हिस्सा (जो भी अधिक हो) शेयरधारकों को न्यूनतम लाभांश के तौर पर घोषित करना अनिवार्य बनाया है। हालांकि लाभांश का न्यूनतम स्तर और अधिकतम स्तर घोषित किया जाना चाहिए।
शेयर पुनर्खरीद के लिए, राज्य के हरेक पीएसयू की नेटवर्थ कम से कम 2,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए और उसके पास 1,000 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस होना चाहिए। बोनस शेयर के मामले में, ऐसे पीएसयू को अपने शेयरधारकों को बोनस शेयर जारी करने की जरूरत होती है,जिसने अपनी चुकता इक्विटी पूंजी के समान या 10 गुना का अधिशेष निर्धारित किया है।
इनमें से कई कंपनियों के लिए लाभांश का रिकॉर्ड कुछ खास नहीं रहा है। उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2022 में सिर्फ जीएनएफसी और गुजरात अल्कलाइज ने 10 रुपये प्रति शेयर का लाभांश चुकाया।