facebookmetapixel
Fake rabies vaccine row: IIL का बयान- रैबीज वैक्सीन से डरने की जरूरत नहीं, फर्जी बैच हटाया गयाDelhi Weather Update: स्मॉग की चादर में लिपटी दिल्ली, सांस लेना हुआ मुश्किल; कई इलाकों में AQI 400 के पारअरावली की रक्षा पर सुप्रीम कोर्ट का एक्शन, 29 दिसंबर को सुनवाईYearender 2025: टैरिफ और वैश्विक दबाव के बीच भारत ने दिखाई ताकतक्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए जरूरी अपडेट! नए साल से होंगे कई बड़े बदलाव लागू, जानें डीटेल्सAadhaar यूजर्स के लिए सुरक्षा अपडेट! मिनटों में लगाएं बायोमेट्रिक लॉक और बचाएं पहचानFDI में नई छलांग की तैयारी, 2026 में टूट सकता है रिकॉर्ड!न्यू ईयर ईव पर ऑनलाइन फूड ऑर्डर पर संकट, डिलिवरी कर्मी हड़ताल परमहत्त्वपूर्ण खनिजों पर चीन का प्रभुत्व बना हुआ: WEF रिपोर्टCorona के बाद नया खतरा! Air Pollution से फेफड़े हो रहे बर्बाद, बढ़ रहा सांस का संकट

वित्त वर्ष 24 में बाजार सीमित दायरे में रहने के आसार, अभी मुनाफावसूली करना समझदारी: विश्लेषक

Last Updated- May 12, 2023 | 11:46 PM IST
share market, BSE

पिछले कुछ सप्ताहों में अच्छी तेजी के बाद बाजार आगामी सप्ताहों में समेकन के दौर में प्रवेश कर सकते हैं और उनमें उतार-चढ़ाव सीमित रह सकता है। इसे देखते हुए विश्लेषकों ने निवेशकों को सुझाव दिया है कि मौजूदा स्तरों पर मुनाफावसूली की जा सकती है और बाजार गिरने पर मध्याव​धि से दीर्घाव​धि नजरिये के साथ फिर से प्रवेश किया जा सकता है।

आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2024 में अब तक बीएसई का सेंसेक्स करीब 5 प्रतिशत तक बढ़कर 62,000 के स्तर पर पहुंचा है। वहीं निफ्टी-50 सूचकांक भी 5.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,300 के स्तरों पर पहुंचा।

गुरुवार को, बाजार सपाट बंद हुए और सेंसेक्स 35 अंक कमजोर होकर 61,904 अंक, जबकि निफ्टी 18 अंक गिरकर 18,297 पर बंद हुआ। हालांकि शुक्रवार को सेंसेक्स 123 अंक की बढ़त के साथ 62,027 पर बंद हुआ।

स्वा​स्तिक इन्वेस्टमार्ट में शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘निफ्टी-50 में अप्रैल से तेजी बनी हुई है और व​ह 18,200 के प्रमुख प्रतिरोध स्तर को पार कर गया है। मौजूदा स्तरों पर इस सूचकांक को 18,440 पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। संभव है कि इस स्तर के आसपास कुछ मुनाफावसूली होगी। हालांकि यदि निफ्टी-50 इस स्तर को पार करने में सफल रहा तो वह 18,630-18,690 के दायरे की तरफ बढ़ सकता है।’

मीणा का मानना है कि निफ्टी-50 सूचकांक के लिए अल्पाव​धि समर्थन स्तर 18,200 के 9-डे मूविंग एवरेज (डीएमए) पर है, जिसके बाद 18,000 के 20-डीएमए पर।

अल्फानीति फिनटेक में सह-संस्थापक एवं निदेशक यू आर भट के अनुसार तेजी का बड़ा हिस्सा विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा की गई खरीदारी पर आधारित रहा, जो अब भारतीय बाजार में किसी बड़े सकारात्मक बदलाव की अनुप​स्थिति में निवेश की अपनी चाल सुस्त रख सकते हैं।

Also read: NSE ने डब्बा ट्रे​डिंग पर ​​कसा शिकंजा, झूठे टिप्स व गारंटीड रिटर्न देने वालों के खिलाफ जारी की चेतावनी

भट ने कहा, ‘सकारात्मक बदलावों का ज्यादातर असर बाजार में दिख चुका है। FII अब निवेश से परहेज कर सकते हैं और इस पर ध्यान बनाए रख सकते हैं कि अगले कुछ महीनों के दौरान वै​श्विक तौर पर और भारत, दोनों में कैसे घटनाक्रम सामने आएंगे। इसकी वजह से बाजार में तेजी अब सीमित हो सकती है।’

इसके अलावा, मिडकैप और स्मॉलकैप में अच्छी तेजी आई है और ये दोनों सूचकांक वित्त वर्ष 2024 में अब तक करीब 8.9 प्रतिशत और 9.2 प्रतिशत चढ़े हैं। एसीई इक्विटी (ACE Equity ) के आंकड़े के अनुसार, क्षेत्रों के संदर्भ में बात की जाए तो पता चलता है कि रियल्टी, ऑटो, पूंजीगत वस्तु, बैंक, तेल एवं गैस और हेल्थकेर में वित्त वर्ष 2024 में अब तक 6.5 से 17 प्रतिशत के बीच तेजी आई है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सूचकांक एकमात्र नुकसान वाला रहा जिसमें समान अव​धि में करीब 2 प्रतिशत तक की कमजोरी आई है।

Also read: हाई रिस्क वाले म्युचुअल फंड पर भरोसा दिखा रहे युवा लेकिन एक्सपर्ट्स ने दी हिदायत

हालांकि विश्लेषक मध्याव​धि-दीर्घाव​धि नजरिये से बाजारों की आगामी राह को लेकर आशा​न्वित बने हुए हैं, और खासकर मिडकैप तथा स्मॉलकैप शेयरों के अलावा, उन्होंने निवेशकों को लंबी अव​धि के लिए गिरावट पर लार्जकैप में भी निवेश का सुझाव दिया है।

First Published - May 12, 2023 | 8:15 PM IST

संबंधित पोस्ट