पिछले कुछ सप्ताहों में अच्छी तेजी के बाद बाजार आगामी सप्ताहों में समेकन के दौर में प्रवेश कर सकते हैं और उनमें उतार-चढ़ाव सीमित रह सकता है। इसे देखते हुए विश्लेषकों ने निवेशकों को सुझाव दिया है कि मौजूदा स्तरों पर मुनाफावसूली की जा सकती है और बाजार गिरने पर मध्यावधि से दीर्घावधि नजरिये के साथ फिर से प्रवेश किया जा सकता है।
आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2024 में अब तक बीएसई का सेंसेक्स करीब 5 प्रतिशत तक बढ़कर 62,000 के स्तर पर पहुंचा है। वहीं निफ्टी-50 सूचकांक भी 5.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,300 के स्तरों पर पहुंचा।
गुरुवार को, बाजार सपाट बंद हुए और सेंसेक्स 35 अंक कमजोर होकर 61,904 अंक, जबकि निफ्टी 18 अंक गिरकर 18,297 पर बंद हुआ। हालांकि शुक्रवार को सेंसेक्स 123 अंक की बढ़त के साथ 62,027 पर बंद हुआ।
स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट में शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘निफ्टी-50 में अप्रैल से तेजी बनी हुई है और वह 18,200 के प्रमुख प्रतिरोध स्तर को पार कर गया है। मौजूदा स्तरों पर इस सूचकांक को 18,440 पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा। संभव है कि इस स्तर के आसपास कुछ मुनाफावसूली होगी। हालांकि यदि निफ्टी-50 इस स्तर को पार करने में सफल रहा तो वह 18,630-18,690 के दायरे की तरफ बढ़ सकता है।’
मीणा का मानना है कि निफ्टी-50 सूचकांक के लिए अल्पावधि समर्थन स्तर 18,200 के 9-डे मूविंग एवरेज (डीएमए) पर है, जिसके बाद 18,000 के 20-डीएमए पर।
अल्फानीति फिनटेक में सह-संस्थापक एवं निदेशक यू आर भट के अनुसार तेजी का बड़ा हिस्सा विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा की गई खरीदारी पर आधारित रहा, जो अब भारतीय बाजार में किसी बड़े सकारात्मक बदलाव की अनुपस्थिति में निवेश की अपनी चाल सुस्त रख सकते हैं।
भट ने कहा, ‘सकारात्मक बदलावों का ज्यादातर असर बाजार में दिख चुका है। FII अब निवेश से परहेज कर सकते हैं और इस पर ध्यान बनाए रख सकते हैं कि अगले कुछ महीनों के दौरान वैश्विक तौर पर और भारत, दोनों में कैसे घटनाक्रम सामने आएंगे। इसकी वजह से बाजार में तेजी अब सीमित हो सकती है।’
इसके अलावा, मिडकैप और स्मॉलकैप में अच्छी तेजी आई है और ये दोनों सूचकांक वित्त वर्ष 2024 में अब तक करीब 8.9 प्रतिशत और 9.2 प्रतिशत चढ़े हैं। एसीई इक्विटी (ACE Equity ) के आंकड़े के अनुसार, क्षेत्रों के संदर्भ में बात की जाए तो पता चलता है कि रियल्टी, ऑटो, पूंजीगत वस्तु, बैंक, तेल एवं गैस और हेल्थकेर में वित्त वर्ष 2024 में अब तक 6.5 से 17 प्रतिशत के बीच तेजी आई है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सूचकांक एकमात्र नुकसान वाला रहा जिसमें समान अवधि में करीब 2 प्रतिशत तक की कमजोरी आई है।
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हालांकि विश्लेषक मध्यावधि-दीर्घावधि नजरिये से बाजारों की आगामी राह को लेकर आशान्वित बने हुए हैं, और खासकर मिडकैप तथा स्मॉलकैप शेयरों के अलावा, उन्होंने निवेशकों को लंबी अवधि के लिए गिरावट पर लार्जकैप में भी निवेश का सुझाव दिया है।